केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अनुसूचित जातियों पर अत्याचचार की घटनाओं के मामले में सख्तीं से निपटने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करना चहिए कि अपराधी को कानून के हवाले किया जाए और पीडि़त को उचित मुआवजा मिले। श्री गहलोत राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के सामाजिक न्या्य विभाग के प्रधान सचिवों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। श्री गहलोत ने कहा कि सरकार ने पीओए अधिनियम में संशोधन किया है। इस संशोधन से कठोर सजा की व्यवस्थान हुई है और पीडि़तों को दी जाने वाली राहत राशि भी बढ़ाई गई है। उन्होंवने कहा कि हाल में हमने पीओए नियमों में संशोधन को अधिसूचित किया है। उन्हों ने राज्योंह से इस अधिनियम को पूरी तरह लागू करने का आग्रह किया ताकि अनुसूचित जाति के लोगों पर होने वाले अत्याएचार रोके जा सकें। उन्होंकने कहा कि राज्यों  को पीओए अधिनियम के संशोधित प्रावधानों को तेजी से लागू करना चाहिए और इन प्रावधानों के बारे में पुलिस तथा अन्यम अधिकारियों को संवेदी बनाया जाना चाहिए।  सिर पर मैला ढोने की प्रथा पर चिंता व्यक्तय करते हुए श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि युद्ध स्तर पर इसका उन्मूलन करना होगा। उन्हों ने राज्यों से इस अमानवीय प्रथा को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

      सामाजिक न्याकय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों तथा वरिष्ठि नागरिकों की शैक्षित, आर्थिक तथा समाजिक अधिकारिता के लिए विभिन्नत योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं में छात्रवृत्ति योजनाएं भी शामिल हैं और योजनाओं का कवरेज व्यारपक है। उन्होंने योजनाओं को कारगर ढंग से लागू करने के लिए केंद्र और राज्यों को एक साथ मिलकर काम करने को कहा।       अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण पर बल देते हुए श्री गहलोत ने कहा कि अनुसूचित जातियों, अन्यि पिछड़े वर्गों तथा डीएनटी के युवाओं को छात्रवृत्ति उनके मंत्रालय का अग्रणी कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री आदर्शन ग्राम योजना की चर्चा करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि इसे उन गांवों के एकीकृत विकास के लिए लागू किया जा रहा है जिन गांवों में 50 प्रतिशत से अधिक आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है। गहलोत ने गैर अधिसूचित, खानाबदोश और अर्द्धघुमंतू जनजाति आयोग (डीएनटी) द्वारा तैयार रिपोर्ट भी जारी की।

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