जयदीप यादव
कोलकाता। महानगर कोलकाता में दुर्गा पूजा की तैयारी युद्ध स्तर पर पूजा कमेटियों द्वारा किया जा रहा है। इसी क्रम में ‘भवानीपुर 75 पल्ली’ पूजा समिति की मंडप में विरासत को बचाने की थीम से ओत प्रोत होगी। यानी दुर्गा पूजा के दौरान इस पूजा मंडप द्वारा बंगाल की संस्कृति और विरासत को दर्शाया जाएगा। कलाकार प्रशांत पाल बंगाल की विभिन्न परंपराओं को लेकर ‘ऐतिज्य बेचे थाकुक’ यानी ‘विरासत बची रहे’ थीम पर मंडप का निर्माण कर रहें हैं। उक्त विषय पर बात करते हुए भवानीपुर 75 पल्ली क्लब के संयोजक सायन देव चट्टोपाध्याय ने बताया कि, “यह हमारे लिए बहुत सम्मान की बात है कि दुर्गा पूजा को यूनेस्को ने विश्व की सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया गया है। हमारा मानना है कि विलुप्त कला को पेश करने से यह अपना खोया हुआ गौरव फिर से हासिल करेंगे। वर्तमान को संस्कृति और विरासत से जोड़ने का काम किया जा रहा है, ताकि नई पीढ़ी को हमारी पुरातन संस्कृति, कला और विरासत की जानकारी मिल सके।” उन्होंने कहा कि इस साल उनका पूजा पंडाल 58वां साल का पालन कर रहा है। इस साल वे लोग नये विचार और नई थीम के साथ आए हैं। मेदिनीपुर जिले के पिंगला और नयाग्राम गांवों के बर्तन उद्योग से जुड़े लोग पूजा के आसपास आयोजित स्टालों में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि पिछले साल पूजा पंडाल की ओर से छऊ और झुमुर कलाकारों को लाया गया गया था।

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