कोलकाता। आज इंटरनेट की दुनिया में सोशल मीडिया के माध्यम से हर एक चीज संभव हो चुकी है और इसका सबसे ज्यादा फायदा पॉलीटिकल लीडर को मिला है। राजनीति के क्षेत्र में पॉलीटिकल लीडर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के दिलो में एक खास जगह बनाए हुए हैं, खास करके यंग और यूथ लोगों में। आम लोगों को सोशल मीडिया के जरिए सभी तरह की खबरें जैसे कि रोजमर्रा की खबरें, लोगों से जुड़ना, महान हस्तियों के बारे में जानना, डेली अपडेट सभी खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक आसानी से पहुंचाई जा सकती है। वहीं अगर बात की जाए चुनावी मुद्दों की तो सभी पॉलीटिकल पार्टीज में सोशल मीडिया को अपनी सफलता और अपनी पहुंच में सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट और अहम हिस्सा माना है। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फेसबुक पर सबसे ज्यादा पॉपुलर पर्सनालिटी रहे, वही ट्विटर पर तीसरे स्थान पर रहे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेता बबन घोष के फॉलोअर्स की संख्या बंगाल में 10 लाख से ज्यादा हो गई है। फॉलोवर्स की संख्या बंगाल के अन्य प्रभावशाली नेताओं की तुलना में भी कई अधिक है। बबन घोष के फंसबुक पर 16 लाख, इन्स्टाग्राम पर 13 लाख और ट्विटर पर 2 लाख से अधिक फॉलोवर्स है। बबन घोष ने फेसबुक का एक जाना पहचाना चेहरा और तृणमूल लीडर देवांग भट्टाचार्य जिनके लगभग 1 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं को भी पीछे छोड़ दिया है, यहां तक कि बबन घोष ने फेमस सेलिब्रिटी और नेताओं हिरण चटर्जी और सोहम चक्रवर्ती को भी बहुत ही आसानी से पीछे छोड़ दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस समय बबन घोष के चाहने वालों की संख्या 1.5 मिलियन से भी ज्यादा हो चुकी है। वह लोगों के दिल में इस तरह से जगह बना चुके हैं, कि लोग उन पर आंख मूंदकर भी विश्वास करने लगे है।लेकिन अब सवाल यह आता है कि ये इतने लोकप्रिय क्यों है? उन्होंने ऐसा क्या योगदान दिया है? तो हम आपको बताते हैं, कि बबन घोष ने ऐसा कुछ नहीं किया है। लेकिन अपनी महान और लोगों के बीच कंट्रीब्यूशन और अपने कार्यों से बंगाल के लोगों में एक जगह बना ली है और इन कार्यों के माध्यम से उनका दिल जीत ली है। आपको बता दें कि बबन को सन 17 से भाजपा में शामिल हुए थे और वर्तमान में बबन घोष पश्चिम बंगाल में “भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन” के अध्यक्ष हैं। वह बंगाल समाज के गरीब और मजदूर वर्ग में आने वाले व्यक्तियों के प्रतिनिधि हैं। बबन घोष ने युवा लोगों में अपनी एक अलग छाप छोड़ी हुई है। कोरोना महामारी के चलते इन्होंने दो लाख से अधिक बच्चों की स्कूल की फीस, कॉलेज फीस, किताबों और भोजन आदि का बंदोबस्त किया था। इन्होंने लगभग 1,25,000 महिलाओं और अन्य कई लोगों को आर्थिक रूप से मदद की थी। बबन घोष ने 1,50,000 से अधिक परिवारों की जिम्मेदारी अपने सर ली थी और डेढ़ साल तक उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था। कोरोना महामारी के दौरान इन्होंने हर एक घर में जाकर राशन सामग्री पहुंचाना ,उन्हें पर्याप्त भोजन की व्यवस्था करना, रोजगार और उनकी रोजमार्रा आवश्यकता को पूरा करने का जिम्मा उठाया था। इसके अलावा बबन घोष ने अन्य राज्यों और शहरों में फंसे मजदूरों और छोटे बच्चों को उनके घर सुरक्षित पहुंचने का भी कार्य किया था। इन्होंने लगभग 20 से 30 बसों की सुविधा उपलब्ध कराई थी ,जिससे के दूर-दूर फंसे मजदूर और गरीब लोग आसानी से अपने घर आ सके। इतना ही नहीं इन्होंने कई बार चक्रवात से प्रभावित इलाकों या जिलों में जाकर लोगों की मदद की और उन्हें पुनर्वास का स्थान भी दिया। तो अब आप ही बताइए कि ऐसे निस्वार्थ और मददगार व्यक्ति जो कि लोगों की समय समय पर मदद करता है ऐसे महान नेता को कौन नहीं चाहेगा। इन सभी चीजों से भी बढ़कर उन्होंने किसी आयोजन समिति का हिस्सा ना होकर अपने दम पर लोगों की मदद की। आपको बता दें कि वह भाजपा के एक कुशल समर्थक है लेकिन उन्हें जो प्यार और सम्मान मिला है वह उन्हें आम लोगों से ही मिला है।आपको बता दें कि बबन घोष पर्यावरण के प्रति भी काफी ज्यादा जागरुक व्यक्ति हैं। इन्हे महज चार दिनों में 20,000 से अधिक पेड़ लगाने को लेकर सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •