कोलकाता। पूर्व आईपीएस अधिकारी रीना मित्रा ने आखिरकार राज्य के जनाधिकार सुरक्षा आयोग के अध्यक्ष के रूप में शपथ ली। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज राजभवन में एक समारोह में उन्हें शपथ दिलाई है। दरअसल रीना मित्रा को पिछले दिसंबर में राज्य जनाधिकार आयोग के चेयरमैन के पद के लिए नियुक्त किया गया था। लेकिन राज्यपाल के शपथ ग्रहण के लिए समय नहीं दे पाने के कारण यह रुका हुआ था। अंतत: राज्यपाल द्वारा समय दिए जाने के बाद आज शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। राज्य ने आम आदमी को समय पर सरकारी सेवाएं प्रदान कराने के लिए ‘जन सेवा अधिकार अधिनियम’ शुरू किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक आयोग का गठन किया गया है कि ताकि कानून को सही से लागू किया जाए। यह उपभोक्ता संरक्षण विभाग के तहत काम करता है। पूर्व पुलिस प्रमुख रीना मित्रा को इस आयोग के मुख्य आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। 16 दिसंबर को उन्हें नियुक्ति पत्र मिला था। प्रशासन सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच के पुलिस अधिकारी गत 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुई हैं। सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के दौरान सूची में आलोक बर्मा के बाद रीना मित्रा का भी नाम आया। शुरुआती सूची में जिन 12 लोगों की सूची तैयार की गई थी उसमे वह सीनियर में से एक थी। उन्हें सीबीआई में काम करने का पांच साल का अनुभव भी था। लेकिन रीना मित्रा उस समय सेवानिवृत्त हुईं क्योंकि नियुक्ति की अवधि काफी देर से थी। सीबीआई के अलावा वे मध्य प्रदेश सरकार और गृह मंत्रालय में कई अहम पदों पर रह चुकी हैं।

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