ममता बनर्जी सरकार का बड़ा फैसला
राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित
विधानसभा में भी जल्द लाया जाएगा विधेयक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज में अब राज्यपाल नहीं बल्कि राज्य का मुख्यमंत्री कुलाधिपति (चांसलर) होगा। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बंगाल में अब राज्यपाल की जगह खुद मुख्यमंत्री चांसलर होंगी. इसका ऐलान पश्चिम बंगाल के मंत्री ब्रत्य बसु ने किया है.सरकार इसे अमल में लाने के लिए जल्द ही विधेयक पेश करेगी। यह जानकारी राज्य के हायर एजुकेशन मिनिस्टर ब्रत्या बसु ने आज दी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के तहत 36 यूनिवर्सिटीज संचालित हैं। जबकि 12 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज हैं।बसु ने कहा, ‘गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को सभी स्टेट यूनिवर्सिटीज का कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।’ फिलहाल राज्यपाल ही सभी यूनिवर्सिटीज के कुलाधिपति हैं।कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटीज में कुलपति की नियुक्ति को लेकर बंगाल में रस्साकशी की खबरें आई थीं। हाल ही में राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति करने का आरोप भी लगा था, जिसके बाद गवर्नर के पावर को कम करने की यह बड़ी कवायद हुई है।पिछले महीने तमिलनाडु ने एक विधेयक पारित किया गया था जिसमें राज्य सरकार को यूनिर्वसिटीज में कुलपति नियुक्त करने की शक्ति दे दी गई थी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार ने कहा था कि कुलपतियों की नियुक्ति में राज्यपाल की अक्षमता ने उच्च शिक्षा को प्रभावित किया है।गौरतलब है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़  पर आरोप लगा था कि उन्होंने राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति कर दी। आपको बता दें इससे पहले राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर गवर्नर होते थे जो कि कुलपतियों की भी नियुक्ति करते थे.

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