दक्षिण बंगाल के कई जिलों में चला रहे थे फर्जीवाड़ा

कोलकाता। एक डॉक्टर के नाम व रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल कर लंबे समय से लोगों का इलाज कर रहे दो फर्जी चिकित्सकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें एक डॉक्टर और दूसरा कंपाउंडर की भूमिका में था। कोलकाता के अलावा ये दोनों दक्षिण बंगाल के कई जिलों में शान से धंधा चला रहे थे। आखिरकार ये दोनों कोलकाता पुलिस की गिरफ्त में आ गए। इनमें से एक को साल्टलेक और दूसरे को बांसद्रोणी से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार एक महीने पहले 8 फरवरी को एक डॉक्टर ने रवींद्र सरोवर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कोई व्यक्ति उनके नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल कर इलाज के नाम पर लोगों के साथ धोखा कर रहा है। शिकायतकर्ता ने उस जालसाज की गिरफ्तारी की मांग की थी। शिकायतकर्ता का नाम डॉ अभिषेक नाहर है जो पेशे से एनेस्थेटिस्ट है। आरोप है कि कोई अन्य व्यक्ति नाहर के नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर, पैड का इस्तेमाल कर मनमाने तरीके से बीमारियों की दवा दे रहा था। जांच के दौरान पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। उनमें टॉलीगंज निवासी राजीव सरकार और विधाननगर के शुभनाथ शामिल हैं। इनमें से दूसरे व्यक्ति की भूमिका चिकित्सक की थी और राजीव सरकार कंपाउंडर के रूप में काम करता था। पता चला है कि दोनों दक्षिण 24 परगना और झाड़ग्राम समेत विभिन्न जिलों में फर्जी इलाज कर रहे थे। हाल ही में वे डॉ. अभिषेक नाहर के नाम और पंजीकरण का उपयोग कर डायमंड हार्बर में एक नर्सिंग होम खोलने की कोशिश कर रहे थे। तभी शुभनाथ और राजीव सरकार को पुलिस ने पकड़ लिया। उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों में फर्जी डॉक्टरों की खबरें आई थीं। कई बिना डिग्री और बिना रजिस्ट्रेशन के लोगों का इलाज कर रहे थे, जिससे लोगों को खतरा हो रहा था। पुलिस ने लगातार छापेमारी कर फर्जी चिकित्सकों के गिरोह का पर्दाफाश किया। आम जनता भी सतर्क हो गई है। आज फर्जी डॉक्टर और एक कंपाउंडर की गिरफ्तारी ने उन यादों को एक बार फिर से ताजा कर दिया है।

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