जगदीश यादव
कोलकाता। वृहत्तर बड़ाबाजार में मकानों के धाराशाई होने का कर्म जारी है। महानगर कोलकाता में जर्जर मकानों व इमारतों की किस स्तर पर भरमार है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महानगर कोलकाता में कुछ दिनों में मकान धराशाई होने की पांच बड़ी घटनाएं घटी है। जबकि मछुआ में मकान धराशाई होने से दो लोगों की मौत भी हो गई थी। अब बड़ाबाजार के कॉटन स्ट्रीट में फिर मकान का एक हिस्सा गिर गया।आज सुबह कोलकाता नगर निगम द्वारा खतरनाक हिस्से को तोड़ कर हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि बड़ाबाजार में सबसे अधिक जर्जर मकान है। निगम, स्थानीय व पुलिस सूत्रों के अनुसार तुलापट्टी अंचल के 138 कॉटन स्ट्रीट में स्थित उक्त मकान का एक हिस्सा अचानक ही धाराशाई हो गया। घटना स्थल पर स्थानीय लोगों व व्यवसायी नरेन्द्र कुमार रुईया ने बात करने पर कहा कि भगवान की कृपा से घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। घटना रात को घटी। उक्त मकान के निगम ने काफी पहले ही खतरनाक घोषित कर दिया गया था। इसके बाद भी कुछ लोग यहां रह रहें थें लेकिन घटना के दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। मकान लगभग सौ वर्ष पुराना था और इसे जर्जर घोषित कर दिया गया था जिसके कारण यहां रहने वाले तमाम लोग यहां से चले गये थें। नरेन्द्र कुमार रुईया ने कहा कि आज बारिश के कारण मकान के गिरे मलवे को पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका था। निगम कर्मियों का कहना है कि मंगलवार तक मलवे को साफ किया जा सकता है। निगम के द्वारा भी मकान के उपरोक्त हिस्से के गिरने की घटना में किसी के हताहत होने की खबर से इंकार किया गया है। वैसे बता दे कि महानगर में इसी तरह की एक घटना के बाद कोलकाता नगर निगम के प्रशासक व मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा था कि इमारत पहले से जर्जर हो चुकी थी और इस पर खतरनाक का बोर्ड भी लगा दिया गया था। मना करने के बावजूद इसमें जबरदस्ती लोग (पुराने किराएदार) रहे थे। उन्होंने कहा कि कोलकाता में करीब 100 ऐसे मकान हैं जिसे खतरनाक घोषित किया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद उसमें से पुराने किराएदार हट नहीं रहे हैं। इसके कारण इस प्रकार का हादसा होने से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है।

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