गंगा घाटों पर सीसीटीवी व ड्रोन से निगरानी
केएमसी के 24 घाटों पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन जारी

फोटो अरुण लोध

जयदीप यादव/जाकिर अली
कोलकाता/हावड़ा/हुगली। चार दिनों के उल्लास के बाद शुक्रवार विजय दशमी के दिन से महानगर कोलकाता सहित हावड़ा, हुगली ही नहीं राज्य भर में तमाम दुर्गा प्रतिमाों का विभिन्न गंगा घाटों में विसर्जन शुरु हुआ। शुक्रवार को बारिश के बीच दुर्गा प्रतिमाओं को विसर्जन करने में निगम कर्मियों से लेकर स्वंय सेवकों, पूजा आयोजकों ही नहीं पुलिस को भी बारिश में पसीने आ गये। आज भी कोविड-19 और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए केएमसी और कोलकाता पुलिस ने महानगर के निर्धारित 24 घाटों पर दुर्गा मूर्तियों के विसर्जन जारी रहा। आज भी जब महामाया दुर्गा परिवार की प्रतिमाएं पूजा मंडपों से गंगा घाटों के लिये रवाना हुयी तो देवी भक्तों के आंख भर आये। महिला हो या फिर वयो वृद्ध इनके आंखों की कोर से छलके आंसू इस बात के गवाह रहे कि इनका दिल भी जार जार रो रहा है। लेकिन परम्परा के आगे विवश होकर उन्होंने भरी आंखों से की दुर्गतनाशिनी को विदा किया और सबके लिये मंगल कामना की। इस खबर के लिखे जाने तक बाबूघाट सहित राज्य भर में गंगा घाटों व नदियों में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन भारी सुरक्षा के बीच जारी था।राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक निर्देश के मुताबिक कोलकाता की तीन हजार दुर्गा मूर्तियों को अगले सोमवार तक गंगा नदी के 24 घाटों में विसर्जित किया जा सकता है। महादशमी के दिन यानी शुक्रवार की रात तक केएमसी के अधीन गंगा घाटों में 2700 मूर्तियों को विसर्जित किया गया। सिर्फ बाजा कदमतल्ला घाट में 474 मूर्तियां विसर्जित की गयीं। इसके बाद आज सुबह से विभिन्न घाटों में मूर्तियों को विसर्जन के लिये लाया जाता रहा। सुबह से ही विभिन्न घाटों में विसर्जित मूर्तियों के अवशेष को बाहर निकालने में केएमसी के कर्मचारी लगे हुए हैं। मूर्तियों के अवशेष को गंगा से निकाल कर उसे दूसरी जगह रखा जा रहा है। इस काम में क्रेन और जेसीबी की मदद ली जा रही है। केएमसी के पदाधिकारियों की निगरानी में घाटों की साफ-सफाई का काम भी चल रहा है।प्रतिमा विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की अनहोनी या घटनाएं नहीं घटे। कदमतल्ला व बाबूघाट पर निगम कर्मियों के साथ ही भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, क्योंकि इन घाटों पर भारी संख्या में प्रतिमा विसर्जन को भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में तमाम सावधानियों के बीच विसर्जन को लेकर नियम कायदे निर्धारित किए गए हैं। जिसके अनुपालन की अनिवार्यता को सुनिश्चित करने को निगमकर्मी घाटों पर प्रतिमा विसर्जन को आने वालों से चर्चा के साथ ही उन्हें नियमानुसार अपनी पारी के इंतजार को कतारबद्ध होने को कह रहे हैं। घाट पर तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि विसर्जन के दौरान घाटों पर अराजक स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए विशेष रूप से सुरक्षा घेरे को तैयार किया गया है। इसके अलावा बाबूघाट इलाके में वॉच टॉवर स्थापित किए गए हैं।

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