जगदीश यादव

कोलकाता। खगरागढ़ बम धमाके की घटना को परे रखकर भी बात करे तो बीरभूम जिले में एक आंगनबाड़ी में बम धमाके की घटना से लग रहा है कि प्रदेश बमों का हब बन गया है। अगर मात्र एक वर्ष के मध्य ही बंगला में बम धमाकों व बम बरामदगी की घटनों पर गौर करें तो तो पता चल जाएगा कि बंगाल में बम कुटिर उद्योग के बन चुका है। राज्य में बम धमाके की तमाम ऐसी घटनाएं घटी है जिसमें लोगों की मौतें हुई हैं । लेकिन बावजूद पुलिस प्रशासन की जो सक्रियता होनी चाहिए वही नहीं दिख रही।

ऐसे में राज्य में देशी बम तैयार करने वाले एक युवक ने गोपनियता की शर्त पर बताया कि लगभग 100 बम बनाने पह हमें बहुत ज्यादा 20 से 30 हजार रुपये मिलते हैं। ज्यादत्तर देशी बमों में हमलोग गन पावडर का उपयोग करते हैं। वैसे देखा जाए तो उक्त युवक की बात की पुष्टि भी राज्य में बिते समय हुए तमाम बम धमाके की घटनाओं से होती है।  ज्ञात रहे कि मालदा जिले के जौनपुर में एक मकान में कथित रूप से बम बनाते समय  एक मई की देर रात चार लोगों की मौत हो गई थी व चार अन्य लोग घायल हो गए थें। यह घटना ऐसे समय पर हुई थी जब पांच मई को राज्य में आखिरी चरण के चुनाव होना था।

इसी तरह राज्य के वीरभूम ज़िले के एक गांव में 22 जनवरी को सुबह तड़के हुए धमाके में दो लोगों की मौत हो गई थी। ख़बरों के मुताबिक़ धमाका एक घर में हुआ और पुलिस ने घटनास्थल से बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की।जबकि मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार 8 मार्च को हुए बम विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। विस्फोट भरतपुर इलाके में तड़के हुआ। अगर बात बीरभूम कीकरें तो 24 मई को तृणमूल नेता बूड़ो हंसदा के घर में देर रात बम ब्लास्ट हुआ था। धमके में उनकी पत्नि की मौत हो गयी जबकि हंसदा गंभीर तौर पर घायल हुए थें। इसी तरह अभी एक सप्ताह भी नहीं बिते होंगे कि जब पुलिस ने महानगर कोलकाता के पोर्ट अंचल से बम बनाने के एक कारखाने का भंडाफोड़ कर कई लोगों की गिरफ्तारी भी की। पुलिस ने यहां से बम बनाने के समान भी बरामद किया था।

 

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