कोलकाता।बिते कई धशक से महानगर कोलकाता सहित राज्य के दुर्गा पूजा में थीम आधारित दुर्गापूजा पंडालों का निर्माण कोई नई बात नहीं है।  लेकिन इस बार महानगर में कई पंडालों में सियासी झलक देखने को मिल रही है। पूजा आयोजकों ने मंडपों को उसी तरह से आकार दिया है एवं सजावट की है। कहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना तो किसी पंडाल में सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को दर्शाया गया है।दमदम पार्क भारतचक्र पूजा कमेटी के पंडाल में लखीमपुर खीरी की उस घटना की झलक देखने को मिल रही है जिसमें किसानों की मौत हुई थी। मंडप की बनावट में किसान आंदोलन का भी जिक्र किया गया है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है और किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।बेहाला के बरिशा क्लब के पूजा पंडाल में भी कुछ इसी तरह की राजनीतिक झलकियां देखने को मिल रही हैं। यहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी को आधार बनाया गया है। मंडप में कलाकारी के माध्यम से देश में बसे शरणार्थियों की समस्याओं को बताने की कोशिश की गई है। आप्रवासी श्रमिकों की दशा को भी दर्शाने का प्रयास किया गया है। आयोजक संस्था की तरफ से देव प्रसाद बसु ने बताया कि पंडाल को दो भागों में बांटा गया है। इसकी बायीं तरफ बांग्लादेश सीमा एवं दायीं तरफ भारत की सीमा को दिखाया गया है। इन दोनों के बीच में एक महिला को बच्चों के साथ देवी के रूप में दिखाया गया है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि बागुईआटी के नजरूल पार्क उन्नयन समिति में स्थित पंडाल में तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मूर्ति स्थापित की गई है। इस प्रतिमा में देवी दुर्गा की तरह दस हाथ बनाए गए हैं। इस तरह से महानगर के कई पूजा पंडालों पर राजनीतिक रंग देखा जा रहा है।

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