गलगलिया, ( धनंजय राय )। गलगलिया सीमावर्ती क्षेत्रों के दुर्गा मंदिरों में आज कलश स्थापना के साथ ही नवरात्र प्रारम्भ हो गया । मद्देनजर क्षेत्रों में भक्तिमय माहौल से सराबोर हो गया । सीमावर्ती क्षेत्र भातगांव सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में हर वर्ष के तरह विधिवत कलश स्थापित किया गया । इससे पूर्व दुर्गा मंदिर से मेची नदी तक कलश यात्रा निकाला गया । तत्पश्चात भारत – नेपाल सीमा के बीच प्रवाहित मेची नदी में पूजा अर्चना के बाद कुंवारी कन्याओं द्वारा कलश में जल भरकर लाया गया । मंदिर में मां दुर्गा का पूजा अर्चना के बाद कलश स्थापित किया गया । भातगांव सार्वजिक दुर्गा मंदिर में नवरात्र के अवसर पर प्रत्येक दिन चंडी पाठ किया जाता है । वहीं शाम को भजन संध्या का भी कार्यक्रम है । मंदिर में प्रत्येक वर्ष खोरीबाड़ी, गलगलिया, डांगुजोत, सोनापिंडी, चक्करमाड़ी, भालूगाड़ा सहित काफी संख्या में लोग पहुंचकर पुजा अर्चना करते हैं । पुरोहित रतन चक्रवती ने बताया नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। माता दुर्गा के इन सभी नौ रूपों का अपना अलग महत्व है। माता के प्रथम रूप को शैलपुत्री, दूसरे को ब्रह्मचारिणी, तीसरे को चंद्रघण्टा, चौथे को कूष्माण्डा, पांचवें को स्कन्दमाता, छठे को कात्यायनी, सातवें को कालरात्रि, आठवें को महागौरी तथा नौवें रूप को सिद्धिदात्री कहा जाता है। नवरात्र के पहले दिन माता शैलपुत्री का विधिवत पूजा अर्चना किया गया । शुक्रवार को माता के दूसरे रूप ब्रह्मचारिणी का पुजा अर्चना किया जाएगा । वही दूसरी ऒर  क्षेत्रों के कई श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही कलश स्थापित कर पुजा अर्चना कर रहे हैं ।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •