आवागमन ठप होने से 19 महीने में जिन्दगी बन गई बोझ

खोरीबाड़ी। खोरीबाड़ी प्रखंड के डाण्गुजोत गांव से सटे भारत नेपाल सीमा पर अब तक आवागमन शुरू नही किए जाने के कारन सीमावर्ती लोगों एवं खासकर व्यापारी , मजदूरों , दुकानदारों को बहुत परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है .बता दे की कोविड महामारी के करण 19 महीने से बंद भारत – नेपाल सीमा को नेपाल की ओर से 1 अक्टूबर को खोल देने के बाबजूद भी भारत की ओर से अब तक सीमा नहीं खोले जाने को लेकर गलगलिया , डाण्गुजोत , सिन्घियाजोत के व्यापारीयों दुकानदार, मजदूरों एवं आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही व्यापारियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है . गलगलिया – भद्रपुर बॉर्डर को भारत की ओर से आवागमन शुरू करने हेतु महानिरीक्षक एसएसबी सिलीगुड़ी को एक ज्ञापन भेजा है तथा इसकी प्रतिलिपि गृह मंत्री भारत सरकार, जिला पदाधिकारी किशनगंज एवं 41वीं बटालियन के कमांडेंट रानीडांगा को भेजा है . स्थानीय व्यापारी, दुकानदार, मजदूरों एवं आम लोगों ने जल्द से जल्द सीमा से आवागमन सामान्य करने की मांग करने को लेकर आवेदन दिया इन्होंने बताया की कोरोना महामारी के कारण पिछले 19 माह से बंद भद्रपुर – गलगलिया बॉर्डर बंद है. कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने की बाद भी बिहार के किशनगंज जिले के गलगलिया स्थित बॉर्डर नहीं खुलने को लेकर कोई नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी नहीं होने से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में काफी रोष है। भारत -नेपाल सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीण जिनका नेपाल से रोटी और बेटी का संबंध है आज कठिनाइयों से गुजर रहे है। सीमावर्ती गलगलिया, डांगुजोत, देवीगंज, सोनापिण्डी आदि सभी भारत-नेपाल की सीमा से सटा हुआ है। इन क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों लोग रोजी रोटी के लिए नेपाल पर निर्भर है तो वहीं बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक भी हाट बाजार करने भारतीय इलाकों में आते है ,लेकिन कोरोना कि वजह से सीमा सील हुई तो 19 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक नहीं खुली है.सीमावर्ती क्षेत्र के व्यापारी जैसे संदीप शाह , चन्दन शाह , नूर आलम कुरैशी, मोहम्मद अल्मास , पप्पू शाह ,पशुपति कुमार , भोला साव , राकेश कुमार, आदि ने गलगलिया-भद्रपुर सीमा को खोलने की मांग की क्योंकि नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल सीमाओं को खोल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर समय पर मांगों को नहीं सुना गया तो यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा जल्द आंदोलन शुरू किया जाएगा .

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