कहा-दशहरा की छुट्टी के बाद होगी मामले की सुनवाई

कोलकाता। बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को अब तक मुआवजा न दिए जाने पर ममता सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है। आज सीबीआई ने राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट के सामने पेश की। इस दौरान कोर्ट ने ममता सरकार के लापरवाही भरे रवैये को लेकर कड़ा रुख अपनाया।कार्यवाहक चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘यह एक गंभीर मामले को लेकर राज्य के बेपरवाह रवैया को दर्शाता है।’ मामले में अब अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने साफ कहा कि वह इस मामले को अब और स्थगित नहीं करेगी और दशहरा की छुट्टी के बाद इसकी सुनवाई करेगी. पीठ ने कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, 20 सितंबर, 2021 से पहले ही इस संबंध में नोटिस जारी किया जा चुका था, लेकिन केंद्र की ओर से कोई पेश नहीं हुआ है. पीठ ने आगे कहा कि मामले को 22 अक्तूबर को सूचीबद्ध किया जाए, इस बीच प्रतिवादी अपनी आपत्तियां दाखिल कर सकते हैं.’’इसी साल अगस्त माह में कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच जजों वाली बेंच ने चुनावी हिंसा को लेकर सीबीआई और राज्य पुलिस की एक तीन सदस्यीय एसआईटी टीम से अलग-अलग जांच कराए जाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया था।पीठ ने कहा कि अभी तक सीबीआई ने सात केसों में 40 एफआईआर और चार्जशीट दायर की है। सोमवार को सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट की निगरानी में जारी अपनी जांच से जुड़ी पहली स्टेटस रिपोर्ट दायर की है।

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