आज सीएम ममता करेंगी बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज झारखंड और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को राज्य के दक्षिणी हिस्से में बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने तर्क दिया कि पड़ोसी राज्य ने बिना सूचना डीवीसी से पानी छोड़ा जिसकी वजह से बंगाल में बाढ़ आई है। खास तौर पर हुगली जिले के आरामबाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डीवीसी के अधिकारी बार-बार ऐसा करते हैं। बिना बताए पानी छोड़ते हैं जिसकी वजह से बंगाल बाढ़ में डूब जाता है। उन्होंने इस परिस्थिति को “मानव निर्मित” बताया और कहा कि यह जानबूझकर बंगाल को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल में पिछले एक महीने से हर सप्ताह मूसलाधार बारिश हुई है बावजूद इसके ममता बनर्जी का यह दावा सवालों के घेरे में है। ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को स्थिति का जायजा लेने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करेंगी।हालात के मद्देनजर कहा जा रहा है कि झारखंड में प्रवल वर्षा के बाद दक्षिण बंगाल के 5 जिले पश्चिम बर्दवान, बीरभूम, बांकुड़ा, हावड़ा व हुगली में बाढ़ आ सकती है। ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है तथा सेना से मदद मांगी गयी है। डीवीसी से पानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया गया है। ममता बनर्जी ने बाढ़ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए बांधों और बैराजों की ड्रेजिंग नहीं करने पर “बड़े पैमाने पर विरोध” की चेतावनी दी।ममता बनर्जी ने कहा, “अगर यह (बाढ़) भारी बारिश के बाद होती तो हम (स्थिति) समझते और इससे निपटते। लेकिन यह झारखंड और डीवीसी द्वारा बांधों और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण हुआ।” उन्होंने आगाह किया, “यह पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। हम काफी समय से बांधों और बैराजों से इस अनियोजित तरीके से पानी छोड़े जाने का विरोध कर रहे हैं। मैं इसका विरोध कर रही हूं। यह एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है, जो मैं नहीं चाहती।” बंगाल की मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात करीब तीन बजे बिना सूचना के भारी बारिश के बाद अतिरिक्त पानी छोड़ दिया गया। यह एक अपराध है। अगर रात के अंधेरे में बिना जानकारी के अत्यधिक पानी छोड़ दिया जाता है, तो लोग खुद को कैसे बचाएंगे?

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