कोलकाता। कोरोना काल में भी पश्चिम बंगाल ने आर्थिक क्षेत्र में सफलता हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 10 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि की दृष्टि से पश्चिम बंगाल दूसरे स्थान पर है। जीडीपी वृद्धि के आधार पर भाजपा शासित गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक जैसे तथाकथित समृद्ध राज्यों को भी पश्चिम बंगाल ने पीछे छोड़ दिया है। कोविड काल में बंगाल की इस आर्थिक सफलता के लिए केंद्र के नीति आयोग ने भी प्रशंसा की है। आरबीआई सूत्रों के अनुसार देश में 10 लाख करोड़ या उससे अधिक के जीएसडीपी वाले राज्यों की संख्या सात है। इनमें महाराष्ट्र, तामिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, कनार्टक, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं। इनमें वर्ष 2020-2021 में सिर्फ तामिलनाडु और पश्चिम बंगाल के जीडीपी में ही वृद्धि दर्ज की गई है जबकि अन्य राज्यों के जीडीपी में गिरावट आई है।
गत वित्तीय वर्ष में तामिलनाडु के जीडीपी में 2 फीसदी अधिक वृद्धि हुई जबकि पश्चिम बंगाल की जीडीपी दर 1.2 फीसदी बढ़ी। वहीं अन्य राज्यों की जीडीपी दर नाकारात्मक रही। ऐसे तो वित्तीय वर्ष 2020-2021 में देश की जीडीपी दर में 7.7 फीसदी की गिरावट आई है। कोरोना काल के दौरान भी राज्य की आर्थिक सफलता के लिए नीति आयोग की तरफ से भी प्रशंसा की गई है। केंद्र की नीति निर्धारक कमेटी के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा है कि बंगाल, बिहार, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे गिने-चुने राज्य आर्थिक वर्ष 2020-2021 में जीडीपी बढ़ाने में सफल रहे। पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल की जीडीपी दर सबसे अधिक है। इस संदर्भ में राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा ने कहा है कि यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि पश्चिम बंगाल ने आर्थिक विकास के लिए जो-जो कदम उठाए, उनका क्रियान्वयन हुआ। यह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सफलता का भी प्रमाण है।

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