कोलकाता। गंगा तेरा पानी अमृत ।जी हां, आज गंगा को बचाना बहुत जरुरी हो गया है। मातृसदन में सोमवार को गंगा जगाओ अभियान की शुरुआत हो गई है। अभियान के तहत कोलकाता से गंगोत्री तक यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा कोलकाता से एक जून को शुरू होगी और 15 जून को गंगोत्री पहुंचेगी। ganga-aarti-varanasi-india-nikon-d50-50mm-saumalya-ghoshमातृसदन में गंगा जगाओ अभियान की शुरुआत करते हुए मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा की रक्षा के लिए मातृ सदन की ओर से दो कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। एक तरफ यात्रा निकलेगी तो दूसरी तरफ मातृसदन में गंगा पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश में अलग प्रांतों से कवि, कथाकार और पर्यावरणविद और संस्कृति कर्मी जुट रहे हैं। उन्होंने कहा कि खनन से गंगा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के किसी मंत्री को यह अधिकार नहीं है कि वह जन सुनवाई कर खनन खुलवा दे। एनजीटी की ओर से गंगा में हुई क्षति को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया है, जो जांच कर रही है। स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि गंगा के गर्भ को सुरक्षित रखना होगा। गंगा सफाई के नाम केंद्र सरकार की ओर से विश्व बैंक से जो 80 हजार करोड़ का लोन लिया गया है, उससे गंगा स्वच्छ नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की चंबल नदी का पानी इतना साफ है कि इसे आसानी से पिया जाता है, जबकि हरिद्वार में गंगा जल पिया नहीं जा सकता। साहित्यकार निलय उपाध्याय ने बताया कि गंगोत्री से फरुखाबाद तक ही गंगा है, उससे आगे गंगा नाले में तब्दील हो जाती है। गंगा पखवाड़ा के समापन पर स्वामी शिवानंद सरस्वती, एमसी मेहता, स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद और गढ़वाली गायक नरेंद्र सिंह नेगी का गंगा मित्र पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

 

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