वयो वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी कार्तिक चंद्र दत्त को घर में दिया गया सम्मान

रमेश राय
कोलकाता। कोरोना की मार से जहां आज देश दुनिया में हाहाकार है आज कोरोना की मार देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान समारोह कार्यक्रम पर पड़ी है। ऐसे में राज्य के गर्व व 97 वर्षीय वयो वृद्ध स्वतंत्रता सेनानी कार्तिक चंद्र दत्त को पिकनिक गार्डेन स्थित उनके निवास पर प्रशासन की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया। भारत छोड़ो आंदोलन में चंद्र दत्त सहित कई युवा क्रांतिकारी गिरफ्तार कर किये गये थें। गांधी पार्क से गिरफ्तार होने के बाद कार्तिक चंद्र दत्त को एक साल की सजा हुई थी। सत्रह वर्षीय कार्तिक चंद्र दत्त ने देश की आजादी की लड़ाई में उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी। 9 अगस्त, 1942 को, भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक बड़े बहुमत से भारत छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया। उसी रात, कांग्रेस कार्य समिति के सदस्यों को गिरफ्तार करके आगा खान पैलेस और अहमदनगर किले में भेज दिया गया। अगले दिन, पूरे भारत में एक विशाल आंदोलन शुरू हुआ। इस आंदोलन से पहले, भारत के म्यामांसिंह जिले (अब बांग्लादेश में) के कई युवा गुप्त रूप से बेहराज खान के नेतृत्व में ब्रिटिश विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। बेराज खान द्वारा लिखा गया एक पत्र। एक 17 वर्षीय क्रांतिकारी युवक कार्तिक चंद्र दत्त को उक्त पत्र गुप्त रूप से वितरित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। पत्र तत्कालीन ज़मींदार चंद्र भूषण रॉय चौधरी को लिखा गया था। 17वर्षीय कार्तिक चंद्र दत्त गुप्त पत्र पहुंचाने के प्रभारी थे।प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा देश के चुनींदा स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष कोविड-19 के संक्रमण के चलते सभी स्वतंत्रता सेनानियों को उनके घर जाकर सम्मानित करने का फैसला लिया गया।

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