चीनी बाजार औंधे मुंह गिरा

जगदीश यादव
कोलकाता। चीन में कोरोना वायरस की वजह से एक तरफ मौतों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी तरफ चीन पर इसका आर्थिक असर भी पड़ रहा है। लेकिन सबसे खास बात तो यह है कि ड्रैगन यानी चालाक चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुक़सान भारत में हो रहा है। साफ कहें तो कोरोना वायरस के कारण चीन तो अपने देश में बेदम तो हो ही चुका है लेकिन भारत में भी ड्रैगन आर्थिक मार से बीमार हो गया है। सबसे पहले बात अगर महानगर कोलकाता की करें तो यहां के बाजार चीनी उत्पादों से अटे रहते थें लेकिन आज हालत बदल गये है।चीन में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से केवल कोलकाता ही नही बरन देश भर में चीन के उत्पाद नहीं आ रहे। चीन से तमाम आइटम एक महीने से नहीं आ रहे। ग्राहक भी बाजार में चाइनीज उत्पादों से दूरी बना रहे हैं।महानगर कोलकाता में चाइना के गिफ्ट आयटम बेचने वाले एक हाकर ने कहा कि चाइना के सामान नहीं आ रहें है। ऐसे में जिस कांच प्रति कप का दाम 35 रुपये था वह बढ़ कर 40 से 45 हो गया है। चाइना के इलेक्ट्रानिक सामानों के एक थोंक व्यवसायी ने नाम की गोपनियता पर बताया कि दो महीने पूर्व ही सामान आया था। अब मंगवाकर भी चाइना के सामान नही मिल रहे है। कारण वहां फैले वायरस से हाथ रोक लिए। सामान महंगा हो गया है। दिल्ली में स्टॉक होल्डर्स ने रेट बढ़ा दिए हैं। उन्होंने साफ बोल दिया है कि बढ़े हुए दामों पर ही ऑर्डर लिया जाएगा। इससे ग्राहक दूर हुआ है।

 

55 अरब डॉलर का व्यवसाय

  • ‘भारत से चीन का सालाना व्यापार करीब 55 अरब डॉलर का है। हर भारतीय औसतन बहुत सारी चीजों को अपने इस्तेमाल में लाता है, जो चीन से आयात होती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में अभी भी कई सामान ऐसे हैं, जिनका भारत में उत्पादन और बिक्री चीनी कंपनियों द्वारा की जाती है। चीन से सालाना करीब 4 खरब रुपये का गैर-जरूरी सामानों का आयात भारत करता है।एक अनुमान के अनुसार कोलकाता में हर माह चायनीज सामानों का कारोबार लगभग देढ़ सौ करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।’

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