शिवालय में उमड़े महाकाल के भक्त
भूतनाथ व तारकेश्वर में भक्तों का महारेला
117 साल बाद दुर्लभ संयोग में जलाभिषेक
फूलों के साथ ही बेलपत्र और धतूरे का बाजार गर्म

जगदीश यादव
कोलकाता। शिवरात्रि का अवसर पर भोर तड़के से ही राज्य सहित महानगर के शिवालयों व मंदिरों में महाकाल का जैकार गूंजना शुरु हुआ और ‘बम बम’ के बोल से शिवालय व मंदिर गूंजते रहे। साफ कहे तो शिवरात्रि के पावन अवसर पर शिव भक्ति की गंगा बही और राज्य का वातावरण भी शिवमय हो गया। हुगली स्थित तारकेश्वर मंदिर हो या फिर महानगर कोलकाता का भूतनाथ मंदिर, भूकैलाश मंदिर, मोटा महादेव मंदिर, जबरेश्वर महादेव मंदिर, बंगरेश्वर महादेव मंदिर हावड़ा समेत कोलकाता के मंदिर शिवरात्रि के पावन अवसर पर शिवशक्ति मय हो गई । तड़के से ही गंगा स्नान के बाद पात्र में गंगा जल लेकर हर-हर बम-बम के उद्घोष के बीच शिवभक्त शिवालय की ओर चल पड़े। आज राज्य सहित महानगर कोलकाता के तमाम शिवालय में शिवभक्तों ने शिव का जलाभिषेक किया। हुगली के तारकेश्वर मंदिर में जलाभिषेक के लिये जाने वाले शिव भक्तों का रेला तड़के से ही शुरु हो गया था।इस बार शिव भक्तों को खास संयोग में अभिषेक का अवसर मिला । इस बार यह पर्व और भी अधिक खास है। 117 साल बाद शिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में है। यह एक दुर्लभ योग है, जब यह दोनों बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में है। इससे पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक ऐसा ही योग बना था और शिवरात्रि मनाई गई थी। वही एशिया महाद्वीप में वृहतम शिव लिंगों में अन्यतम दो दिव्य शिवलिंग महानगर कोलकता के खिदिरपुर अंचल के भूकैलाश गढ़ में स्थित है । ऐसे में भूकैलाश गढ़ में स्थित श्री रक्त कमलेश्वर और श्री कृष्ण चंद्रेश्वर के जलाभिषेक के लेये भक्तों का तांता लगा रहा। वैसे अगर बात बाजार की करे तो महानगर कोलकाता के बाजारों में आज फूलों के साथ ही बेलपत्र और धतूरे का बाजार गर्म रहा। लोग भोले की बूटी यानी भांग का भी जुगाड़ करते नजर आये। शिवरात्रि के त्यौहार को लेकर ही बाजारों में आज शाम को फूलों की कीमत बढ़ी रही। फूलों के साथ ही बेलपत्र, धतूरा और अकवन की कीमत में भी तेजी रही। महानगर के बाजारों में आज शाम को गेंदा माला 5 की जगह 15 रुपये, बेलपत्र 2 रुपये में12 की जगह 5 रु. मे 12, धतूरा 5 रु. में एक की जगह 10 रु. में एक और अकवन माला 10 रुपये की जगह 20 रुपये में बिकते रहें।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •