कोलकाता। नरेन्द्र मोदी ने भारत की जनता से ‘अच्छे दिन’ का वादा किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का दूसरा बजट 2020 आज सदन में पेश किया। बजट में वित्त मंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं की। ऐसे में बजट पर पेश है समाज के विभिन्न तबके की राय। समाजिक कार्यकर्ता व व्यवसायी विष्णु अग्रवाल ने कहा कि इस बजट को और बेहतर किया जा सकता था। पांच लाख रुपए तक की आय पर टैक्स पर रियायत सराहनिय है, लेकिन अन्य पहलुओं की अनदेखी की गयी है। आनलाइन व्यवसाय के कारण उपभोक्त व कहीं कहीं व्यवसायी भी नुकसान के शिकार हों रहें है। इस बजट को विशेष कुछ नही कहा जा सकता है। गृहणियों के लिये बजट ठीकठाक है। समाजिक कर्मी रेखा गुप्ता ने कहा कि मोदी सरकार का बजट सराहनीय है। गृहणियों के लिये बजट में ध्यान रखा गया है।  नए बदलाव के बाद अब पांच लाख रुपए तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। बजट 2020, भारत के स्टार्टअप वातावरण के लिए आने वाले समय के लिए यह सही दिशा में एक कदम है। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि सरकार ने स्टार्टअप को एक प्रमुख रोजगार निर्माता के साथ-साथ विकास के एक इंजन के रूप में माना है जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।मोदी सरकार ने बजट में सबका ख्याल रखा है। वैसे इस देश में अच्छे काम की भी आलोचना होती है। समाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ता रेखा देवी ने कहा कि लोगों की उपेक्षाओं का अंत नही है। बजट बेहतर है और कारगर भी साबित होगा। किसी भी देश में विकास की गति एकदम से नही बढ़ती बरन काम करने की दिशा व दशा से बढती है। वित्त मंत्री ने बजट में इकॉनोमी का बहुत साफ खाका खींचा है। आयकर ढांचे में बड़े बदलाव की घोषणा करते हुए आयकर दरों की सात श्रेणियां बना कर मध्यवर्ग को राहत देने की पहल की है। वित मामलों के जानकार व समाजिक कर्मी संतोष कुमार ने कहा कि मेरा मानना है की स्वतन्त्र भारत मे अब तक का सबसे अच्छा आम बजट माननीय वित्तमंत्री द्वारा पेश किया गया। बुजुर्ग, नौकरीपेशा,  कारोबारी, किसान और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 6 लाख से ज्यादा स्मार्टफोन दिए गए और उन्होने महिला जागरूक कार्य अच्छे से निभाए । किसान अन्नदाता होते है, इसीलिये उनको ऊर्जादाता बनाने की योजना दी गयी। भारतीय अर्थव्यवस्था के आपूर्ति और सुधार के लिये और मार्केट को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने आई.पी.ओ. द्वारा एल.आई.सी. और आई.डी.बी.आई. बैंक मे अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव दिया है । हमारे समाज के पिछड़े अनुसूचित जाती के विकास के लिये सरकार 85 हजार करोड़ दिए है ।यह बजट हमारे देश के विकास इंजन की काम करेगी । डोली घोषाल ने कहा कि मोदी सरकार का बजट सराहनीय है और इसके बाद भी आलोचना की जा रही है। पता नहीं कुछ लोग क्या चाहते हैं। सरकार के पास क्या जादू की छड़ी है कि जब चाहा किसी के लिये गैर जरुरी चीजे पेश की जाये। पेश बजट आने वाले समय के लिए यह सही दिशा में एक कदम है। समाजिक कर्मी व अध्यापक प्रेमनाथ दुबे ने कहा कि पेश किया गया बजट लालीपाप के अलावा और कुछ नही है। बजट को फायदे का नहीं कहा जा सकता है। इस बजट से गरीबों का भला होने से तो रहा। बरन मंहगाई व बेरोजगारी और बढ़ेगी। देश पर निजीकरण को थोंपना क्या समझदारी है। हर सेक्टर को दिया गया फंड पर्याप्त नहीं है। इससे सुस्ती से निकलना आसान नहीं होगा।मोदी सरकार ने फिर लोगों को लालीपाप थमा दिया है।
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