गंगा सागर की धरती पर एक सौ एक साल से भगीरथ सेवा

जगदीश यादव     
कोलकाता। कहते हैं कि मानव सेवा परम धर्म । इस कहावत को कोलकाता महानगर की प्राचीन स्वंय सेवी संस्था चरितार्थ कर रही है। जी हां सेवा के संसार में जात पात रंग भेद की सीमाएं गौड़ हो जाती । हमारे ऋषि मुनियों ने भी मानव सेवा को श्री हरि की सेवा कहा है। ऐसे में अब तो मध्य प्रदेश के दमोह निवासी मूक वृद्ध बुद्दुराम जैसे चालीस लोग बजरंग परिषद के भरोसे हैं। जी हां फिलहाल तो यह संस्था ही इनलोगों का संकट मोचक है। इस खबर के लिखे जाने तक मूक वृद्ध बुद्दुराम जैसे लोगों को लेकर संस्था के ‘बजरंगी सिपाही’ गंगा व सागर से महानगर कोलकाता आ चुके थे। उक्त 40 लोग वह लोग हैं जो गंगा सागर में पुण्य स्नान के लिये आये थें और अपने परिजनों या साथियों से बिछड़ कर लापता हों गये हैं। लेकिन ऐसे लोगों को मिला बंजरंग परिषद का साथ व स्नेह। बजरंग परिषद के महा सचिव प्रकाश सांगनेरिया ने आज बताया कि इस साल गंगा सागर में लगभग चार हजार तीर्थ यात्री लापाता हुए थे। ज्यादतर को शिविर में रखकर सेवा जतन के बाद उनके परिजनों से मिलवा दिया गया लेकिन 38 लोग व दो लोगों को पुलिस ने कोलकाता में लाकर हमे सौंपा कुल 40 तीर्थयात्री अभी अपने परिजनों से मिल नहीं सके हैं। उक्त लोगों को परिषद महानगर कोलकाता बड़ाबाजार लायी थी। बजरंग परिषद के महा सचिव प्रकाश सांगनेरिया ने बताया कि उक्त तीर्थयात्रियों को संस्था ने अपने खर्च पर उनके घरों को आज हावड़ा व सियालदा स्टेशन से ट्रेन के माध्यम से उनके घरों को रवाना कर दिया है। इन लोगों में मध्य प्रदेश के दमोह निवासी मूक वृद्ध बुद्दुराम भी रहे जो बोल नही सकते हैं लेकिन उन्होंने लिखकर अपनी बात कही । गंगासागर में लापता हुए 40 लापता लोगों में बिहार, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के लोग हैं। महा सचिव प्रकाश सांगनेरिया ने बताया कि उनकी संस्था एक सौ एक वर्षो से गंगा सागर में लापता लोगों को उनेक परिजनों से मिलवाती आ रही है और यह कारवां जारी है।

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