कहा-दया,करुणा,मैत्री,परोपकार,आत्मचिंतन हमारी संस्कृति का मूल मंत्र है

कोलकाता। अपने आप में इन दिनों धार्मिक स्थली बन चुके आउट्राम घाट सेवा संसार में बदल चुका है। आउट्राम में हर रोज नर रुपी नारायणों की सेवा की जा रही है। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में गंगासागर पुण्यार्थियों के लिए यहां अवधूत देवी दास सेवा संस्थान कोलकाता के भव्य सेवा शिविर का उद्घटान आज पुलिस कमिश्नर (विधाननगर) लक्ष्मीनारायण मीणा व उनकी धर्मपत्नी कीर्ति मीणा के कर कमलों द्वारा किया गया। इस मौके पर समाज के कई विशिष्ट व्यक्तिगण उपस्थित थे। इस उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता युवा शक्ति के प्रधान संपादक सुधांशु शेखर ने की। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। करीब सप्ताह भर चलने वाले इस शिविर में तीर्थ यात्रियों के लिए खाना ,पीने की शुद्ध पानी,चाय,कॉफी की समुचित व्यवस्था की गई है। साथ ही साथ पर्यावरण के संरक्षण हेतु संस्था की ओर से जूट का बैग बांटा जा रहा है। ख़ास तौर पर मानव सेवा दल द्वारा अद्भुत ग्रंथ मानव धर्मशास्त्र गंगासागर आने वाले पुण्यार्थियों को प्रदान किया अजा रहा है। श्री मीणा ने कहा दया,करुणा,मैत्री,परोपकार,आत्मचिंतन यही हमारे संस्कृति का मूल मंत्र है। मानव प्रेम और मानव सेवा के प्रचार प्रसार के लिए हम सभी को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेनी चाहिए। केवल मानव प्रेम से ही यह धरती स्वर्ग के समान बन सकती है। श्रीमति कीर्ति मीणा ने कहा कि हम अपने गुरूदेव के मानव सेवा के संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इस दिन मौके पर रमाकांत बर्मन,संजय भौतिका,रमेश बबलिया,श्याम सुंदर गोयनका,गंगासागर संयुक्त समिति के अध्यक्ष तारकनाथ त्रिवेदी,उपाध्यक्ष सीताराम राय,सचिव भरत मिश्रा, बृजमोहन नांगलिया,विजय गुजरवासिया,मनमोहन बागड़ी,विकास लोहिया,राजा वर्मा,हृदय नारायण मिश्रा,रितेश साव (जायसवाल),सुजीत कुमार गुप्ता, मनोज सिंह व विशिष्टजन उपस्थित थे।

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