घटना के बाद गुस्से में उबले लोग सड़क पर उतरे
पुलिस ने लाठी भांज कर स्थिति काबू में किया
कई पुलिस कर्मी भी हुए घायल
इलाके में रैफ के जवान तैनात

Photo- Sk. Razauddin

कोलकाता। बेकाबू वाहनों के कारण महानगर में सड़क हादसों में लोगों के बलि चढ़ने का क्रम थमा नही है। पोर्ट अंचल स्थित खिदिरपुर इलाके में दो बसों द्वारा ज्यादा से ज्यादा व पहले सवारियां लेने के चक्कर में एक बस के पहिए के नीचे आने पर एक युवक अरुण वर्मा की मौत हो गयी। उक्त घटना के बाद गुस्साई भीड़ ने वाहनों पर जमकर पथराव किया। तीन निजी बसों को आग के हवाले कर दिया गया। स्थिति को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस पर भी पथराव कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर उग्र भीड़ को खदेड़ दिया। पुलिस कर्मियों समेत कई लोग जख्मी हो गए। हालात को देखते हुए इलाके में रैफ के साथ भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। स्थायी लोगों व पुलिस सूत्रों के अनुसार, आज दोपहर करीब एक बजे खिदिरपुर के मोमीनपुर अंतर्गत रिमाउंट रोड से 12सी, 12सी/1/ए तथा 259 रूट की निजी बसें जा रही थीं। इसी बीच पहले सवारियां उठाने को लेकर एक ही रूट की दो बसों के बीच आगे निकलने की होड़ मच गई। तभी सड़क पार कर रहे युवक अरुण वर्मा को एक बस ने जोरदार टक्कर मार दिया। घायल युवक के नीचे गिरते ही बस का पहिया उसके ऊपर से निकल गया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। दुर्घटना के बाद मौके पर जुटी लोगों की भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने वहां से गुजर रहे वाहनों पर पथराव शुरू कर दिया। उक्त तीनों निजी बसों में भी जमकर तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी गई। घटना से इलाके में अफरातफरी मच गई। उग्र भीड़ ने शव को सड़क पर ही रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को हटाने का प्रयास किया तो पथराव कर दिया गया, जिसमें कई पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। हालात बिगड़ता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। दमकल की कई गाड़ियों की मदद से बसों में लगी आग पर काबू पाया गया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक का नाम अरूप वर्मा बताया गया है। इलाके में रैफ के साथ ही भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। उक्त घटना पर को लेकर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां बेकाबू वाहनों चालकों का की ही मनमर्जी चलती है उपर से पोर्ट अंचल में कुछ ट्रांसपोटरों का भी राज चलता है जिसके कारण आये दिन सड़क हादसों में लोगों की मौत होती है व रास्ता जाम होते रहता है। लेकिन हर मामलों में पुलिस मूक दर्शक की भूमिका में होती है।

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