शहर के कोने कोने में बिजली के तारों का जाल

जगदीश यादव
कोलकाता। जहां महानगर कोलकाता में बिते चौबीस घंटे में अगलगी की दो भीषण घटनाएं घटी। वही आज दिल्ली के रानी झांसी रोड बाजार में आग लगने से कम से कम 43 लोगों की मौत से महानगर कोलकाता के लोगों में भी दहशत है। कारण महानगर कोलकाता के कोने कोने विशेष कर बड़ाबाजार में बिजली व केबल के तारों मकड़जाल फैला है। ऐसे में महानगर के लोगों ने आशंका व्यक्त की है कही महानगर में उक्त तरह की आगलगी की घटना नही घटे। महानगर और निकटवर्ती कई ऐसे इलाके हैं जहां बिजली, केबल और टेलीफोन के तारों के जंजाल से हादसों की आशंका बनी हुई है। बड़ाबाजार, स्ट्रैंड रोड ,पोस्ता, जोड़ासांको,महात्मा गांधी रोड, बहूबाजार, राजा राममोहन सरणी, विधान सरणी, हाथीबागान, श्यामबाजार, कॉलेज स्ट्रीट, पार्क सर्कस, धर्मतल्ला ही नहीं पोर्ट अंचल का एमएम अली रोड, मोमिनपुर, वाटगंज में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला है और इससे हादसों की आशंका खास कर बारिश होने पर बढ़ जाती है। महानगर में अनेक बिजली के खंभे ऐसे हैं जहां सर्विस लाइन में सैकड़ों लोगों के बिजली कनेक्शन हैं। इन खंभों से ही मकड़ी के जाल और गुच्छेनुमा तार लटक रहे हैं। इसे आम जन का दर्द कहे या फिर चुपचाप सब कुछ सहने की मजबूरी तमाम शिकायतों के बाद भी  पोल पर लटकते तारों की जानकारी होने के बावजूद न तो संबंधित विभाग के आला अधिकारियों और न ही जनप्रतिनिधियों ने इसके निराकरण की दिशा में अबतक कोई ठोस पहल की। ज्ञात हो कि महानगर कोलकाता कई बार अगलगी की भीषण घटनाएं घट चुकी है जिसे हम भुला नही सकते हैं लेकिन इन हादसों से सबक भी नही सिख रहे है। याद होगा कि 2010 में पार्क स्ट्रीट की एक बहुमंज़िला इमारत में लगी भयंकर आग में 24 लोगों की मौत हो गई थी । वही नौ दिसंबर 2011 को महानगर के ही ढाकुरिया स्थित आमरी अस्पताल में आग लगने और कार्बन मोनोऑक्साइड के फैलने से करीब 89 लोगों की मौत हई थी। इसके अलावा नंदराम मार्केट व बागड़ी मार्केट की आग की भयावहता को लोग आजतक नहीं भूल सके है लेकिन व्यवस्था का मिजाज पत्थर के जौसा ही है।

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