कोलकाता। आलू के बाद अब राज्य सरकार प्याज बेचने की कवायद में है। राज्य सरकार सूत्रों की माने तो प्जाय की दर से लोग कराह रहे है। देशभर में प्याज की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार सरकारी आउटलेट्स पर किफायती कीमतों पर प्याज की बिक्री करने जा रही है. राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग के सूत्रों ने आज जानकारी देते हुए बताया कि इसके पहले आलू जब बाजार में काफी महंगा हो गया था तब राज्य के विभिन्न राशन दुकानों पर महज 12 रुपये प्रति किलो की दर से राज्य सरकार ने इसकी बिक्री की थी. अब प्याज के लिए भी यही रणनीति अपनाई गई है. राज्य खाद्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि फिलहाल बाजार में 40 किलो पैकेट वाले प्याज की कीमत 2400-2800 रुपये है. यह सरकारी राशन दुकानों पर है जबकि बाजार में थोक में इतने ही प्याज की कीमत कम से कम 3100 रुपये हैं जो प्रति किलो 80 रुपये के आसपास बिक रहा है. वैसे आशंका है कि दिसम्बर के बीच में प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच सकती है. हालांकि जनवरी महीने के आसपास प्याज की नई फसल बाजार में आ जाएगी जिसके बाद कीमतों पर लगाम लगने की संभावना है.प्याज की कीमतें हर दिन नये रिकॉर्ड बना रही हैं. एक तरफ जहां प्याज सेब और अनार से भी महंगा हो गया है, तो वहीं इस पर सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. प्याज की कीमतें पिछले कई हफ्ते से आसमान छू रही हैं. देश के कई शहरों में प्याज की कीमतें 100 रुपए प्रति किलो तक पहुंच रही हैं. तो वहीं प्याज की किल्लत के कारण देश के विभिन्न इलाकों में इसकी कीमत 80 से 120 रुपये किलो तक पहुंच गई है. प्याज की कीमतों में ये उछाल पिछले कई हफ्तों से है. विशेषज्ञों के मुताबिक प्याज का उत्पादन करने वाले राज्य, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश के कारण प्याज की फसल चौपट हुई है.एक तरफ फसल बर्बाद हुई तो दूसरी तरफ प्याज की कीमतें न बढ़ें इसे लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. दिल्ली की राजधानी दिल्ली में पिछले साल के मुकाबले चार गुने ऊंचे दाम पर प्याज बिक रहा है, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए प्याज का स्वाद लेना मुहाल हो गया है.

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