पुलिस से भिड़े भाजपाई, पत्थर व बोतल चले
पुलिस ने भांजी लाठी, लगभग पचास गिरफ्तार
भगवा व खाकी की भिड़ंत में रणक्षेत्र बना सेंट्रल एवेंन्यु

कोलकाता। गंदगी और डेंगू की समस्या सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा की युवा मोर्चा ने आज कोलकाता नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया। इसके तहत दोपहर करीब एक बजे मुरलीधर सेन लेन स्थित प्रदेश मुख्यालय से जुलूस निकाला गया। जुलुस सेंट्रल एवेन्यू होते हुए चांदनी चौक इलाके में पहुंचा। यहां पुलिस ने भाजपाइयों को रोकने के लिए बैरिकेड कर रखा था। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में उस जुलूस को कोलकाता नगर निगम मुख्यालय पहुंचना था, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने उसे रोक दिया। बैरिकेड को तोड़ने के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं एवं पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई।भाजपइयों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। चांदनी चौक इलाके में हुए लाठी चार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हो गए। प्रदेश भाजपा के अनुसार मौके से उनके 35 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। लाठी चार्ज में कई नेता एवं कार्यकर्ताओं को चोट आई है। उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया है। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले चलाने के साथ ही पानी का तेज बौछार भी किया। भाजपा का आरोप है कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस ने बल प्रयोग किया।खबरोंके अनुसार , ‘डेंगू मुक्त’ कोलकाता की मांग को लेकर कोलकाता नगर निगम कार्यालय के पास भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया।विरोध प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में ली गईं भाजपा नेता रिमझिम मित्रा ने कहा कि हमारे पास विरोध प्रदर्शन करने की पूर्व अनुमति थी और विरोध शांतिपूर्ण था। पुरुष पुलिसकर्मियों ने हमें रोका। जानकारी के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। इस दौरान कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पुलिस को रास्ते से हटाने के लिए पानी की बोतले और पत्थर फेंके. पुलिस का दावा है कि भीड़ को बेकाबू होने के बाद कोलकाता पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. लेकिन इसके बाद भी जब प्रदर्शनकारी नहीं रुके तो पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी. पुलिस ने बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया.पुलिस की कार्रवाई के बाद बीजेपी ने साफ कहा कि अगर उनके कार्यकर्ताओं को रोका जाता है तो वे धरना देंगे. बीजेपी ने कहा कि वो सिर्फ नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम को ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने बलपूर्वक कार्रवाई की जो की गलत है.पश्चिम बंगाल में डेंगू कहर बरपा रहा है. हाल ही में राज्य में डेंगू के 44,852 मामले सामने आए है. राज्य स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई. रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से अब तक राज्य में 25 लोगों ने डेंगू की चपेट में आकर दम तोड़ा है.डेंगू के मामलो को बढ़ता देख राज्य बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सही आकंड़ें छुपाने का आरोप लगाया है. बीजेपी के मुताबिक तृणमूल सरकार डेंगू के रोकथाम में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है.आरोप है कि महानगर व आस-पास के जिलों में डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने चिंता जाहिर की है। विभाग की माने तो राज्य में डेंगू का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू पर समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। बैठक में राज्य स्वास्थ्य विभाग के सचिव समेत सभी जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में मच्छर जनित बीमारी ने लगभग 22 हजार लोगों को अपनी चपेट में लिया है। राज्य में फिलहाल 44 हजार 952 लोग मच्छर जनित बीमारी की चपेट में हैं। 15 दिन पहले पहले डेंगू मरीजों की संख्या तकरीबन 23 हजार थी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस वर्ष डेंगू से राज्य में 23 लोगों की मौत हुई है। वहीं एक निजी संस्था द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी संख्या 45 से अधिक बताई गई है। डेंगू के बढ़ते प्रकोप से चिंतित स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित कर्मचारियों को डेंगू की रोकथाम के लिए तत्परता से काम करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट की माने तो महानगर के जादवपुर, संतोषपुर, पर्णश्री, पिकनिक गार्डेन, बेहला इलाके। उत्तर 24 परगना के बनगांव, गायघाटा, बैरकपुर, खड़दह, पलता, नैहाटी। दक्षिण 24 परगना के भांगड़, काकद्वीप, नामखाना, नोदाखाली, बासंती, नरेंद्रपुर। हावड़ा जिले के डोमजूड़ एवं हावड़ा शहर और हुगली के रिसड़ा, श्रीरामपुर, उत्तरपाड़ा आदि इलाके में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है. डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए प्रभावित इलाके में राज्य सरकार की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके द्वारा लोगों को डेंगू से बचने के उपाय सुझाए जा रहे है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार डेंगू से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल सबसे कारगर उपाय है। इसके अलावा लोगों को साफ-सफाई, घर व आस-पास पानी जमा नहीं होने देने, बुखार होने पर सरकारी अस्पताल में जाने जैसे सुझाव दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह महानगर व आस-पास के क्षेत्रों में डेंगू से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इनमें बागुईआटी की महिला पुलिस कांस्टेबल रानू विश्वास सरकार (28), नैहाटी नपा के वार्ड नंबर पांच के कृष्णागोपाल अधिकारी (27) और हावड़ा की केया गोस्वामी (26) डेंगू की बलि चढ़ गई थी।महानगर और उसके आसपास के जिलों में डेंगू फैलने का संज्ञान लेते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने राज्य सरकार को डेंगू फैलने एवं उस पर रोकने के लिए की गई कार्रवाई पर 22 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में अब 22 नवंबर को सुनवाई होगी। दरअसल, वकील विकास रंजन भट्टाचार्य और रविशंकर चटर्जी ने सोमवार को अलग-अलग याचिकाएं दायर करते हुए कहा था कि इस साल राज्य में यह बीमारी तेजी से फैल रही है, 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। याचिका में कहा गया कि करीब 45000 लोग उसकी चपेट में आ चुके हैं तथा ज्यादातर मामले दुर्गा पूजा के बाद आए हैं। उन्होंने दावा किया कि हाईकोर्ट ने 2017 में राज्य सरकार और कोलकाता नगर निगम को निर्देश दिया था कि हर साल खासकर मानसून और उसके बाद फैलने वाली इस बीमारी के रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए। उन्होंने दावा किया कि मच्छर जनित इस बीमारी पर काबू पाने के प्रति प्रशासन का रवैया ढुलमुल रहा है।उक्त दलीलें सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य में तेजी से पैर पसार रहे डेंगू रोकथाम के लिए सरकार की ओर से क्या कदम उठाएं गए हैं? राज्य में डेंगू से मरने वालों की संख्या कितनी है? वर्तमान में राज्य में डेंगू के मरीजों की कुल संख्या कितनी है? इसकी विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।

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