युवकों को श्रमिकों के कोप से बचाने में कामयाब हुई पुलिस
एनजीओ के सदस्यों पर उगाही के लिये आने का आरोप
जाकिर अली
हुगली। जिले के बांसबेड़िया के गंगेज जूट मिल में तनाव तब पसर गया जब दो युवक अपने आप को एण्टी करप्शन अधिकारी बताकर मिल में रेड डालने आये और बिना सिजर लिस्ट बनाये ही मिल का दस्तावेज व अन्य सामान ले जाने की जबरन कोशिश करने लगे। ऐसे में श्रमिकों के बीच रोष फैलने लगा तो बांसबेड़िया पुलिस किसी तरह से अपने हिरासत में लेकर इन कथित फर्जी सरकारी एण्टी करप्शन अधिकारियों दैप्यान चक्रवर्ती व राजकमल प्रणामिक को पुलिस फाड़ी में ले आयी। मामले पर आज बांसबेड़िया पुलिस फाड़ी के प्रभारी सुजीत राय ने बताया कि अगर पुलिस ठीक समय पर ऩही जाती तो श्रमिकों के कोप का शिकार इन लोगों को होना पड़ता। भाटपाड़ा के निवासी कथित फर्जी सरकारी एण्टी करप्शन अधिकारियों को मिल प्रबंधन की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से किसी तरह के कोई सरकारी दस्तावेज नही मिले है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दैप्यान व राजकमल एक एनजीओ आल इंडिया एंटी करप्शन कमेटी के लोग है। इनके पास से एनजीओ का आईकार्ड मिला है। मामले पर मिल के मैनेजर कहे जाने वाले आरपी साव ने बताया कि उक्त लोग जबरन दरवान को धमकाया और जबर मिल में गैर कानूनी तरीके से आये और सभी को धमका कर मिल के कागजात व सामान बिना किसी सिजर लिस्ट के मांगने लगे तो पुलिस को सूचित किया। उक्त लोग किसी साजिश के तहत यहां आये थे। इधर जब मामले पर आल इंडिया एंटी करप्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा से बात की गयी तो वह खुद मामले पर सन्न रह गये। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नही है । पुलिस अपना काम करे हम अपने स्तर पर उक्त दोनों लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगें। कार्ड होने का मतलब नही है कि दोनों को मनमर्जी की छुट मिल गयी और वह लोग शंहशाह हो गये है। मामले पर मिल के कुछ श्रमिकों का आरोप है कि उक्त लोग यहां धमका कर उगाही के लिये आये थे अगर पुलिस बीच में नही आती तो इनका बूरा हाल होता।