सीएम ने कहा,ड्रेजिंग होने पर बिहार में नहीं आती बाढ़

कोलकाता। राज्य के में मालदा,मुर्शिदाबाद तथा हावड़ा जिले में बाढ़ से हालात काफी गंभीर हो गए हैं। इन जिलों के कई ब्लॉक बाढ़ प्रभावित हैं। मालदा में ही दो लाख से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। हजारों बीघा खेती की जमीन  बाढ़ की चपेट में आ गई है। राज्य के मंत्री जावेद खान बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। इसके अलावा मुर्शिदाबाद में दामोदर नदी का बांध टूट जाने से स्थिति और गंभीर हो गई है। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। दूसरी ओर हावड़ा जिले के उदयनारायणपुर में बाढ़ से स्थिति और गंभीर होती जा रही है।पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश, बांध के टूटने व फरक्का बैराज से 109 गेट खोलने से मालदा जिला पूरी तरह बाढ़ के चपेट में आ गया है। गंगा, फुलाहार, कालिंदी, महानंदा आदि नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इस बाढ़ से करीब ढाई लाख लोग प्रभावित हुए है। बाढ़ पीडि़तों को राहत सामग्री को लेकर काफी परेशानी हो रही है। भाजपा ने जिला को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित करने की मांग राज्य सरकार से की है।भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अजय गंगोपाध्याय ने बताया कि भाजपा पंचायत समिति इलाके में राहत सामग्री नहीं दी जा रही है। भेद-भाव किया जा रहा है। सिर्फ तृणमूल समर्थकों को राहत सामग्री दी जा रही है। बाढ़ प्रभावितों से भी राज्य सरकार गंदी राजनीति कर रही है। अमानवीय बर्ताव से ममता सरकार को बाज आना चाहिए।मालदा जिला परिषद के अध्यक्ष गौड़ चंद्र मंडल ने बताया कि नदी किनारे के असंरक्षित इलाके व नीचे इलाके वाले क्षेत्र पूरी तरह डूब गया है। मिट्टी, बांस से बने घरों को काफी नुकसान पहुंचा है। करीब 50 हजार कच्चे घर इस बाढ़ से प्रभावित हुए है। जिले में सोमवार की सुबह साढ़े आठ बजे से 99.80 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड किया गया। इस बाढ़ के पानी से मालदा मेडिकल कॉलव व अस्पताल भी अछूता नहीं रहा। विभिन्न वार्ड में पानी घुस गया, जिसके कारण रोगियों को काफी परेशानी हो रही थी। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अमित दाव ने बताया कि ऑपरेशन कक्ष में बारिश के कारण काफी परेशानी हो रही है।इंगलिश बाजार नगरपालिका के वाइस चेयरमैन ने बताया कि भारी बारिश के कारण ऐसी स्थिति हुई है। हम पूरे मामले को देख रहें है। जिले के बहुत सी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मालदा सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंत प्रणब सामंत ने बताया कि गंगा नदी खतरे के निशान से 66 सेंटी मीटर ऊपर बह रही है, जिसके कारण माणिकचक के सौ से अधिक गांव में इसके चपेट में आ गए है। जिलाधिकारी कौशिक भट्टाचार्य ने बताया कि जिले में 10 राहत शिविर लगाया गया है। साथ ही एनडीआरएफ टीम भी रतुआ में पूरी स्थिति को संभालने में मदद व बचाव कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि फरक्का बैरेज में सही समय पर ड्रेजिंग होने से बिहार में बाढ़ नहीं आती। उसे रोका जा सकता था। ममता ने बंगाल के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात को लेकर भी दामोदर वैली कापरेरेशन (डीवीसी) पर बिना बताए बांध से पानी छोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा-‘मैंने और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले इस मुद्दे को उठाया था। हम राजनीतिक विरोधी हो सकते हैं लेकिन फरक्का के मसले पर एकमत हैं।केंद्र से बार-बार कहने के बावजूद फरक्का बैरेज में सही तरह से ड्रेजिंग नहीं की जाती, जिसका नतीजा हमें भुगतना पड़ता है।’ मुख्यमंत्री ने बंगाल में बाढ़ के हालात पर नजर रखने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में 24 घंटे नजर रखने वाला मॉनिटरिंग सेल खोलने की घोषणा की। मंगलवार को राज्य सचिवालय नवान्न में मीडिया से बातचीत में ममता ने कहा-‘फरक्का बैरेज में उचित ड्रेजिंग न होने के कारण आज राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति। अगर बैरेज में समुचित ड्रेजिंग की गई होती तो उसकी पानी वहन करने की क्षमता बढ़ी होती। डीवीसी की ओर से अगर पानी छोड़ने से पहले जानकारी दी जाती तो हम लोगों को बाढ़ को लेकर आगाह कर कर पाते और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जा सकते थे।’मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मालदा व मुर्शिदाबाद जैसे जिलों में कुछ मंत्री बाढ़ की स्थिति का मुआयना करने जाएंगे और जरुरत के मुताबिक मैं भी वहां जाऊंगी।’ गौरतलब है कि दक्षिण बंगाल व पड़ोसी राज्य बिहार व झारखंड में बीते दिनों हुई लगातार बारिश से राज्य के सभी बांध लबालब भरे हैं।सोमवार को ही डीवीसी ने 70,000-75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप ज्यादातर डेल्टा क्षेत्र में बाढ़ आ गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल काफी हद तक नौका के समान है। पड़ोसी मुल्क नेपाल व भूटान के अलावा पड़ोसी राज्य झारखंड व बिहार में अधिक बारिश होती है तो इसका असर राज्य पर पड़ता है कि क्योंकि पानी का प्रवाह बंगाल की ओर होता है।

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