पथराव हमला से तिलमिलायी पुलिस
प्रदर्शनकारियों पर चला चला डंडा व आंसू गैस
भीड़ पर वॉटर कैनन से पानी की बौछार
दर्जनों घायल व हुई गिरफ्तारियां

हावड़ा। अभी विक्टोरिया अभियान के भाजपायी व पुलिस के बीच भिड़ंत के 24 घंटे भी नही बिते थे कि फिर अब आज हावड़ा अंचल वाममोर्चा समर्ठकों व पुलिस के बीच हुए संघर्ष के कारण रणक्षेत्र में बदल गया। जी हां, हावड़ा में वाममोर्चा के कर्मी समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान वाममोर्चा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प की घटना घटी। कुछ देर के लिये हालात बेकाबू के जैसे हो गये थे। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। विरोध रैली कर रहे कार्यकर्ताओं ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया। ये लोग बेरोजगारी और दूसरे मुद्दों को लेकर राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं।वामो के स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रैटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सदस्यों की युवा इकाइयों के करीब 15,000 युवा कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए। इन लोगों की कोशिश राज्य सचिवालय नवान्न की ओर रैली करते हुए जाने की थी जबकि इस इलाके में पहले से ही धारा 144 लागू है। हालांकि, पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग लगा रखी थी और भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात थे। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी।इसके जवाब में पहले तो सुरक्षाबलों ने उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की और फिर बाद में वॉटर कैनन का सहारा लेकर तितर-बितर करने की कोशिश की। आक्रोशित छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। बता दें कि यह रैली राज्य में बेरोजगारी और एनआरसी (नैशनल सिटिजन रजिस्टर) के विरोध में की गई थी।जानकारी के अनुसार विभिन्न मांगों को लेकर माकपा समर्थित युवा संगठन डीवाईएफआई, छात्र संगठन एसएफआई समेत वामपंथ समर्थित 12 संगठनों की ओर से राज्य सचिवालय नवान्न अभियान का आयोजन किया गया था। गुरुवार को सिंगुर से शुरू हुआ यह अभियान शुक्रवार को हावड़ा पहुंचा। हालांकि अभियान में शामिल समर्थक उस वक्त हिंसक हो उठे जब हावड़ा की ओर बढ़ रहे लोगों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। हावड़ा पहुंचने के बाद आज सुबह यह अभियान नवान्न के लिए रवाना हुआ था। आज दोपहर करीब दो बजे जैसे ही वामपंथ समर्थित संगठन का अभियान हावड़ा मैदान पहुंचा पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बैरिकेडिंग के कारण समर्थक आगे नहीं जा पा रहे थे। पुलिस के इस रवैये से नाराज समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस भी लाठी भांजने लगी। देखते ही देखते रामेश्वर मालिया लेन से मल्लिक फाटक तक का इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।बेकाबू स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। अभियान समर्थकों पर पुलिस ने देर तक पानी का बौछार किया। उत्पात पर उतारू समर्थकों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए। पुलिस और अभियान समर्थकों के बीच इस झड़प में दोनों ओर के कई लोग जख्मी हुए हैं। पूरा इलाका घंटों हिंसक माहौल की चपेट में रहा। मामले में पुलिस ने एकाधिक लोगों को हिरासत में लिया है।

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