रणक्षेत्र में बदला सेंट्रल एवेंन्यू इलाका
जमकर हुआ वाटर कैनन व आंसू गैस का इस्तेमाल
पचास से ज्यादा लोग घायल, 85 हुए गिरफ्तार
लाठीचार्ज में खून से तर बतर हुए कई लोग

फिरोज आलम/ रमेश राय
कोलकाता। एक बार फिर महानगर कोलकाता का सेंट्रल एवेन्यू इलाका तब रणश्रेत्र में बदल गया जब बिजली के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के खिलाफ आज भाजपा के कर्मी समर्थक व नेता सड़क पर उतरे। भारतीय जनता युवा मोर्चा के आह्वान पर विक्टोरिया अभियान के तहत भाजपा कार्यकर्ता विक्टोरिया हाउस स्थित सीईएससी मुख्यालय की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें सेंट्रल एवेन्यू में रोक दिया।

ऐसे में भाजपा के कर्मी समर्थक व नेताओं ने प्रदेश में बिजली के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के खिलाफ ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं की तीखी झड़प भी हुई। भाजपा कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे तभी पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और पानी का तेज बौछार किया। इस दौरान आंसू गैस भी छोड़े गए। पुलिस के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। भारतीय जनता युवा मोर्चा नेतृत्व का आरोप है कि उनके कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग किया। लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए है। पुलिस के प्रहार से एक कार्यकर्ता का सिर फट गया। इस दौरान कम से कम पचास लोग घायल हुए है। आरोप है कि मौके से पुलिस में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष देवजीत सरकार तथा भाजपा के प्रदेश महासचिव राजू बनर्जी सहित करीब एक सौ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। भाजयुमो का आरोप है कि उनके कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं। कई कार्यकर्ता घायल हो गए हैं।एक कार्यकर्ता का सिर फट गया है उसे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का भी प्रयोग किया। कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। इस झड़प में कुछ बीजेपी कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं।दरअसल, सूबे में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर बीजेपी लगातार सत्तारूढ़ टीएमसी के खिलाफ आवाज उठा रही है। बीजेपी ने बिजली दरों में कटौती की मांग की है।

इसी मांग को लेकर आज बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। सैकड़ों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बिजली के दरों में कटौती की मांग की।इस दौरान प्रदर्शन में भारी संख्या में लोग जुटे लोगों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने उन पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इससे प्रदर्शनकारी और भड़क गए। इस कारण पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तीखी झड़प भी हुई। आरोप है कि लगभग पचस लोग घायल हुए हैं। वहीं कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रदेश भाजपा नेता सायनतन बसु ने आरोप लगाया कि घटना में 60 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक घायल हो गए। उन्होंने दावा किया कि कई लोगों के सिर भी फटे है। इनमें से तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है। सायनतन के अनुसार, “ बंगाल में लोकतंत्र को कलंकित किया जा रहा है। पुलिस ने विक्टोरिया हाउस से आधा किलोमीटर दूर हमारे जुलूस को रोक दिया। मुझे समझ में नहीं आया कि शांतिपूर्ण जुलूस क्यो रोका गया। आखिर शांतिपूर्ण आन्दोंलन को रोकने के लिये आंसू गैस, वाटर कैनन और पुलिस की लाठी का क्या काम था। ममता बनर्जी की सरकार राज्य में लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलना चाहती है और उन्होंने लोकतंत्र के लिये राज्य में कोई जगह नही छोड़ रखा है। इधर घटना स्थल पर कोलकाता पुलिस के डीसी (सेंट्रल), नीलकंठ सुधीर कुमार के साथ, सेंट्रल डिवीजन के विभिन्न पुलिस स्टेशनों के ओसी और अतिरिक्त ओसी मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने आरोप लगाते हुए बताया कि भाजपा द्वारा बताया गया था कि भाजपा को कार्यकर्ता ई-मॉल के सामने एकत्र होंगे। वहां से 10 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल विक्टोरिया हाउस जाएगा और ज्ञापन देगा। एक वरीय पुलिस अधिकारी की माने तो भाजपा के लोगों ने उग्रता का प्रदर्शन किया। उनके कर्मी समर्थक बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश करते हुए उग्र हुए। ऐसे में हमने उन्हें रोकने के लिये वाटर कैनन का उपयोग किया। लेकिन वह लोग आगे बढ़ते ही गये तो फिर पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

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