कई सालों में महाराष्ट्र के गणेश उत्सव को चुनौती दे सकता है कोलकाता

जगदीश यादव
कोलकाता। वैसे महानगर कोलकाता को दुर्गा पूजा के लिये दुनिया भर में जाना जाता है लेकिन बिते कई सालों से महानगर कोलकाता सहित राज्य भर में गणेश पूजा करने वाली पूजा कमेटियों की संख्या जहां व्यापक तौर पर बढ़ी है। वही लोगों के घरों में भी गणेश पूजा का चलन बढ़ा है। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले दिनों में महानगर कोलकाता गणेश पूजा के मामले में महाराष्ट्र के एकाधिकार के लिये कही चुनौती नहीं बन जाय। मिली जानकारी पर भरोसा करे तो महानगर में रह रहे 700 से अधिक महाराष्ट्रीयन परिवारों द्वारा गणेश पूजा का आयोजन किया गया है। इसके साथ ही पूरे राज्य भर में गणेश पूजा की धूम जोरों पर है। बेहाला में महानगर कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की पत्नी रत्ना चटर्जी द्वारा भव्य स्तर पर गणेश पूजा का आयोजन दुर्गा पूजा के आयोजन से कम नही कहा जा सकता है। इस साल तो आयोजन की धूम मच गयी है। तामाम नेता व हाई प्रोफाईल लोग इस पूजा में शामिल हुए। वही पोर्ट अंचल संलग्न मटियाबु्र्ज के टीजी रोड में बंगाल आन्ध्रा एसोसिएशन की प्राचीन गणेश पूजा का आयोजन भी अपनी पुरानी परम्परा को बरकरार रखे हुए है। यहां तमाम तरह के सांस्कृतिक आयोजन भी किये जा रहे है। जबकि हावड़ा के लिलुआ के गोशाला के पास कई सालों महाराष्ट्रीयनों द्वारा गणेश पूजा का आयोजन किया गया है। महाराष्ट्र मंडल द्वारा लगभग 32 सालों से लगातार भी गणेश पूजा का आयोजन किया गया है।ठनठनिया का महाराजा, बड़ाबाजार का महाराजा जैसे नामों से बड़ाबाजार में गणेशा पूजा कि धूम है। जबाकि मोमिलपुर, न्युअलीपुर, साल्टलेक, उल्टाडांगा, बिराटी, हावड़ा, भवानीपुर, दमदम आदि इलाकों में विभिन्न पूजा कमेटियों ने गणपति पूजा का आयोजन किया है। बहूबाजार में स्वर्ण व्यवसाय से जुड़े लगभग 15 हजार से ज्यादा महाराष्ट्रीयन गणेश पूजा आयोजन करते है। अगर बात हुगली जिले की करे तो जिले भर में भी गणेश पूजा के आयोजन की संख्या बढ़ी है। मामले पर डा. के. पुरुषोत्तम राव ने कहा कि अब महानगर में गणेश पूजा किसी खास समुदाय में सीमा बद्ध नहीं है बरन आने वाले समय में यहां का आयोजन महाराष्ट्र के लिये चुनौती बन सकता है।

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