एसडीओ, चेयरमैन सहित वरिय अधिकारियों ने की बैठक

जाकिर अली
हुगली। चुंचुड़ा बालिका बाणी मंदिर विद्यालय मिड डे मील का मामला गरमा गया है। आज मामले पर एसडीओ (सदर) अरिन्दम बिश्वास व स्थानीय नगर पालिका चेयरमैन गौरीकांत मुखर्जी ने सहित स्कूल के अधिकारियों ने बैठक की। इस दौरान एसडीओ (सदर) अरिन्दम बिश्वास ने कहा कि वह मामले को देख रहे हैं कि किस तरह से क्या और क्यों हुआ है। हुगली जिले में उक्त बालिका विद्यालय में छात्राओं को खिचड़ी के साथ अंडे और सोयाबीन देने के बजाय चावल और नमक देने की कथित रिपोर्टों पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि इस स्कूल में बच्चों के मिड डे मील के नाम पर बड़ा खेल चल रहा था। गौरतलब है कि हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस स्कूल में सरप्राइज विजिट की थी। लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ‘पिछले कुछ महीनों से यहां घोटाला चल रहा है। चुनावों से पहले भी मुझे इस घोटाले के बारे में बताया गया था। मुझे शिक्षकों द्वारा इसके बारे में सूचित किया गया है। ये जानकर मैंने एक औचक निरीक्षण प्लान किया ताकि मैं उन्हें रंगे हाथ पकड़ सकूं। छात्रों को सूखे चावल खाने के लिए मजबूर किया जाता है। 5000 अंडे खरीदने में 25,000 रुपये खर्च किए गए हैं लेकिन छात्रों को कुछ भी नहीं दिया गया है। फिर उन्हें किसने चुराया है? 257 बोरी चावल गायब है। मैं आज यह स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि छात्रों से उनके भोजन के अधिकार को चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।’ वहीं इस मामले के सामने आने पर पश्चिम बंगाल सरकार ने मध्याह्न भोजन में चावल और नमक परोसने के बीजेपी के आरोप पर जांच के आदेश दिए हैं। पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि हुगली जिले में एक बालिका विद्यालय में छात्राओं को खिचड़ी के साथ अंडे और सोयाबीन देने के बजाय चावल और नमक देने की कथित रिपोर्टों पर जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने सुबह में स्कूल का दौरा किया था और आरोप लगाया था कि मध्याह्न भोजन के लिए आए कोष को तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने गबन कर लिया है। इसके बाद कथित घटना की मीडिया रिपोर्टें आनी शुरू हो गईं।इसके कुछ देर बाद ही राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने विभागीय जांच के आदेश दिए लेकिन कहा कि बच्चों के मध्याह्न भोजन के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बच्चों और बच्चियों के लिए मध्यान्ह भोजन के संबंध में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार में शामिल होना किसी के लिए भी अमानवीय है।’

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