विधानसभा की स्टैण्डिंग कमेटी के पद से दिया इस्तीफा
विधानसभा अध्यक्ष के आमंत्रण पर नहीं आये विधानसभा
कोलकाता। पूर्व मेयर व मंत्री शोभन चटर्जी के घर वापसी कराने के तृणमूल के सपने फर आज एक बार फिर पानी फिर गया। शोभन चटर्जी आज राज्य विधानसभा की स्टैण्डिंग कमेटी की बैठक में तो खुद आये ही नहीं बरन उन्होंने कमेटी में अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया।उन्होंने बैठक में अपने एक प्रतिनिधि को भेजा और अति संक्षिप्त एक चिट्ठी के जरीये पद से त्याग पत्र भेजा। पूर्व मेयर ने पत्र मे लिखा कि “अपरिहार्य कारण से, मैं मत्स्य और पशु सम्पदा स्थायी कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” ऐसे साफ हो गया है कि शोभन चटर्जी अब शायद ही फिर से तृणमूल का दामन थामे। साफ कहे तो उनके पार्टी में आने का जो मार्ग बचा था उन्होंने खुद ही उक्त मार्ग पर अपनी इच्छा का भार भरकम पत्थर रख दिया है। बता दे कि बिते शनिवार को शोभन चटर्जी के साथ आज विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी की फोन पर काफी देर तक बातचीत हुई थी। ऐसे में राज्य की राजनीति के गलियारे में यह सवाल उठने लगा था कि क्या शोभन चटर्जी की घर वापसी होगी। उक्त सवाल का आज राज्य के लोगों को उत्तर मिल गया है। इससे पहले खबर थी शोभन चटर्जी अगले आज विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से भेंट करेगें और माना जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत का सकरात्मक असर दिखने लगा है। लेकिन वह सकरात्मक असर क्या है इस सवाल पर तृणमूल के सूत्र चुप्पी साधे हुए थें। जब मामले पर उक्त दौरान शोभन चटर्जी के साथ बात की गयी तो उनेहोंने कहा था कि उनकी विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के साथ फोन पर बातचीत हुई है और उन्होंने कहा कि वह काफी समय से स्टैण्डिंग कमेटी की बैठक में नहीं आये है इस लिये इस बार जरुर आये। बता दे कि इससे पहले लोकसभा चुनाव में बेहला क्षेत्र में पार्टी की हार को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कोलकाता के पूर्व मेयर तथा बेहला पूर्व के विधायक शोभन चटर्जी को मनाने की कवायद शुरू की थी। पार्टी की रणनीति के तहत कभी मंत्री फिरहाद हकीम तो कभी शिक्षा मंत्री डॉ. पार्थ चटर्जी को विभिन्न स्तर पर शोभन से बातचीत का सिलसिला शुरू करने का प्रयास किया गया था। यही नहीं शोभन के करीबी पार्षदों को भी इस काम में लगाया गया था। वैसे अगले साल होने वाले कोलकाता नगर निगम चुनाव को देखते हुए ममता बन्रजी के लिये तृणमूल को मजबूत करना अत्यंत जरूरी है। इसलिए पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को पार्टी की मुख्यधारा में शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। इसी बीच, शोभन के भाजपा में शामिल होने की अटकलें भी लगती रही हैं। कोलकाता के पूर्व मेयर व पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी और उनकी महिला मित्र बैसाखी बनर्जी के राजनीतिक कदम को लेकर तमाम तरह की अटकलें पिछले कई महीनों से लगाई जा रही हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में दोनों दिल्ली गए थे। दोनों ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) रामलाल और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की थी और भाजपा में अपने राजनीतिक संभावनाओं के बारे में विस्तृत चर्चा की थी। उनके साथ भाजपा नेता मुकुल राय भी थे।ऐसे में शोभन की भाजपा में शामिल होने खबरे भी आयी। वैसे यह कहा नही जा सकता है कि राजनीति में कब क्या होगा। लेकिन शोभन चटर्जी के उक्त कार्य से यही कहा जा रहा है अब उनकी तृणमूल में घर वापसी टेढ़ी खीर जरुर है।