ओम प्रकाश मिश्रा ने दिया नैतिक जिम्मेवारी पर इस्तीफा
प्रदेश कांग्रेस में राहुल के इस्तीफे पर रार शुरु

कोलकाता। कहा जा रहा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। भले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए बुधवार को अपना इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में गांधी परिवार के सदस्य राहुल गांधी के इस्तीफा के बाद से प्रदेश कांग्रेस में भी सबकुछ सामने आ गया है और यहां भी बगावती तेवर दिखने लगे है। प्रदेश कांग्रेस के सहायक अध्यक्ष ओम प्रकाश मिश्रा ने इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है।आज उन्होंने भी एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा पर भी बड़ा आरोप लगाया है।जैसा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे से पहले एक लंबी-चौड़ी चिट्ठी लिखकर पार्टी के अन्य नेताओं पर जिम्मेदारी नहीं लेने का आरोप लगाया था।ओम प्रकाश मिश्रा ने आज शाम को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्रा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वह इस्तीफे की प्रति वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों को भी भेजेंगे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने ओम प्रकाश मिश्रा के इस दावे पर कटाक्ष किया है। मिश्रा के साथ इस्तीफा देने के आह्वान को दरकिनार करते हुए सोमेन ने कहा कि पार्टी ने ओम प्रकाश को एक महत्वपूर्ण पद दिया है तो वह इस्तीफा दे सकते हैं। पद नहीं रहता तो कहां से इस्तीफा देते। सोमेन के इस कटाक्ष पर ओम प्रकाश ने तीखी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की स्वार्थपूर्ण राजनीति की वजह से ही प्रदेश में कांग्रेस की बुरी दशा हुई।इधर बात करने पर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक सिंह ने कहा कि वह श्री मिश्रा के कार्य को गलत नही मानते है। सभी को राहुल गांधी के कार्य की सराहना करते हुए उनके कदमों का अनुसरण करना चाहिए। अगर सेवादल के शिर्ष पद के नेता भी इस्तीफा देगें तो वह भी इस्तीफा देने को तैयार है।दीपक सिंह ने कहा कि राहुल गांधी व गांधी परिवार के आदर्शों पर चलने से ही कांग्रेस का भला होगा। वहीं ओम प्रकाश मिश्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय जब देशभर के साथ इस राज्य भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, तब मैंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गौरव गोगोई समेत अन्य पदाधिकारियों से सामूहिक इस्तीफा देने की मांग की थी। उस दिन कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक हुई थी लेकिन शीर्ष पदों पर बैठे किसी भी नेता ने मेरी बात को अहमीयत ‌नहीं दी। अब जब राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया है तो मैं कैसे किसी पद पर जमा रह सकता हूं। ओम प्रकाश ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में पूरे देश की तुलना में पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है लेकिन राज्य इकाई का कोई भी पदाधिकारी इसकी जिम्मेवादारी लेने के लिए तैयार नहीं है। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति ने गौरव गर्ग को प्रदेश प्रभारी बना कर भेजा था लेकिन वह पूरी तरह से व्यर्थ रहे हैं। सोमेन मित्रा, प्रदीप भट्टाचार्य भी पार्टी की बेहतरी के लिए कुछ भी करने में विफल रहे। प्रदेश के तीन कार्यकारी अध्यक्ष दीपा दास मुंशी, नेपाल महतो और शंकर मालाकार भी चुनाव में करारी हार का सामना कर चुके हैं। किसी को भी 10 प्रतिशत वोट नहीं मिला। केवल अधीर रंजन चौधरी ने मुर्शिदाबाद के बहरमपुर लोकसभा क्षेत्र में अपने दम पर जीत दर्ज की लेकिन उनके ही जिले में दो अन्य लोकसभा सीटों पर भी पार्टी की करारी हार हुई। ऐसे में अधीर रंजन चौधरी भी अपनी जिम्मेदारियों को टाल नहीं सकते। इन सभी को इस्तीफा देना चाहिए। ओम प्रकाश मिश्रा ने खुद के बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं चुनाव प्रक्रिया के किसी भी हिस्से में शामिल नहीं था। मैंने जितने सुझाव दिए प्रदेश कांग्रेस ने उसे दरकिनार कर दिया।

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