फिरोज आलम

कोलकाता। इस राज्य में लोकसभा चुनाव के लिये राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासत का संग्राम घमासान मोड़ पर है। सत्तारुढ़ तृणमूल को जहां यहां भाजपा चुनौती दे रही है तो वही शिवसेना भी भाजपा के लिये परेशानी का सबब बन गई है। जी हां, इस चुनावी मैदान में इस राज्य से शिवसेना के लगभग 22 प्रार्थी चुनावी मैदान में ताल ठोक कर खड़े हैं। डायमण्ड हार्बर से संतोष कुमार ने शिवसेना के प्रार्थी के तौर पर अलीपुर स्थित डीएम कार्यालय में नामांकन किया। अखिल भारतीय हिंदू महासभा से नाता तोड़कर अब अचानक शिवसेना का दामन थामने वाले संतोष कुमार आज मीडिया के लिये खास खबर बने हुए हैं।अलीपुर डीएम कार्यालय के बाहर मीडिया कर्मियो के साथ बातचीत में संतोष कुमार ने कहा कि वह राष्ट्रवाद के नाम पर चुनावी मैदान में हैं और देश उनके लिये सर्वोंपरि है। संतोष ने आरोप लगाया कि भाजपा आज तृणमूल की बी टीम बन गई है और कुछ माह के बाद ही राज्य में यह खेमा एक खास आदमी के कब्जे में चला जा सकता है। डायमण्ड हार्बर से मुकुल के स्नेहपात्र एक ऐसे व्यक्ति को मैदान में उतारा गया जो सात माह पहले पार्टी में आया व कांग्रेसी था। इस राज्य में इस एक साजिश के तहत भाजपा को कुछ कथित भाजपाईयों के द्वारा अदृश्य बाधा पहुंचाया जा रहा है। रही बात देश व राज्य की तो देश में दादा व राज्य में दीदी सभी एक जैसे हैं और उनका आपस में तालमेल है। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए की आज लोग इतने सजग हैं कि वह इनके झांसे में नहीं आने वाले हैं। रही बात हिंदू महासभा से नाता तोड़ने के कारण की तो महासभा के बेरुखापन से साफ पता चलता है कि महासभा भाजपा के दबाव में है।

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