पुख्ता सुरक्षा नहीं होने पर नहीं करेगें चुनावी ड्यूटी

राम स्वारुप भट्टर
कोलकाता। एक बार फिर सुरक्षा की मांग के तहत वह भी महानगर कोलकाता में मतदान कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया। आज दक्षिण कोलकाता के चेतला गर्ल्स स्कूल के सामने मतदान कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया व मां करते हुए कहा कि में सभी बूथों में केंद्रीय बलों को तैनाती हो वसाफ सुथरा चुनाव तभी सम्भव है जब व्यवस्था पुख्ता हो।विरोध प्रदर्शन करते हुए इन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को भी याद होगा कि गुजरे पंचायत चुनाव में मतदान के दौरान किस तरह से चुनाव कर्मी यानी प्रिसाईडिंग अधिकारी राय कुमार राय लापता हुए थें व बाद में उनकी लाश ही मिली थी। आज चेतला गर्ल्स स्कूल में उक्त सभी मतदान कर्मी ट्रेनिंग के लिये आये थें। इनमें ज्यादत्तर शिक्षक थें व बाकी अन्य सरकारी कर्मी। चुनाव आयोग से मतदान कर्मियों ने पांच सूत्री मांग को चुनाव कार्य के दौरान कार्यकर करने की मांग करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो हमलोग अपनी सुरक्षा के तहत मतदान कार्य का बहिस्कार करगें। मतदान कर्मियों ने कहा की हमारी मांग है कि प्रत्येक बूथ पर केंद्रीय बल तैनात किया जाना चाहिए। कारण हमारा इरादा मतदाताओं को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करना है। चुनाव आयोग को भी बगैर पक्षपात के काम करना होगा। और इन सबसे अलग जो बात है वह है कि मतदान के दौरान कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ा कार्रवाई हो। हमलोग जब मतदान लिये घर से बाहर जाते हैं तो परिवार के लोग सहम जाते हैंकि पता नहीं क्या होगा। जाहिर है कि अब हमलोगों का ऐसे माहौल में काम करना कितना मुश्किल है। मतदान कर्मियों ने आयोग को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनलोगों के पांच सूत्री मांग को नहीं माना जाता है तो वह लोग चुनाव कार्य नहीं करेगें और इसके लिये जो भी सजा देना हो हमे मंजूर है। ज्ञात हो कि शनिवार को ही राज्य चुनाव आयोग क नये विशेष पर्यवेक्षक अजय वी नायक ने आज अपने बयान में एक बड़ी बात कह दी। नायक ने कहा कि ठीक आज से 10 साल पहले बिहार में जो स्थिति थी वही स्थिति आज बंगाल में है। नाय़क ने कहा कि यही वजह है कि चुनाव के लिये राज्य के 92 फीसदी बूथ पर केंद्रीय बलों की तैनाती करनी पड़ रही है। नायक यहीं नही थमे, बरन उन्होंने कहा कि, बिहार के लोगों और राजनीतिक पार्टियो को समझ में आ गया है कि मारपीट से चुनाव नहीं जीता जा सकता है। लेकिन लगता है कि बंगाल में, कोई भी बात को अभी तक समझ नहीं पाया है।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •