मानस, देव, दिलीप,शिशिर जैसे हैवीवेटों की भरमार
मैदान में सुब्रत मुखर्जी से लेकर कुंवर हेम्ब्रम तक

कोलकाता/मेदिनीपुर। राज्य में राजनीतिक घमासान चरम पर है और राज्य में चुनावी माहौल जम गया है। जहां देखो वहां चुनावी सरगर्मी उफान पर है और जुबानी जंग भी तेज हो गई है। राज्य के जंगल महल की पांच सीटों मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, विष्णुपुर और झाड़ग्राम में चुनावी दंगल दिनों दिन दिलचस्प मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। मेदिनीपुर जैसी प्रतिष्ठित सीट पर इस बार टीएमसी ने अभिनेत्री संध्या राय का टिकट काट कर उनके स्थान पर मानस भुइयां को उम्मीदवार बनाया है। हेवीवेट होते हुए भी मुकाबले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के मैदान में उतर जाने से मुकाबला कांटे का होता जा रहा है। क्योंकि घोष भी जीत के लिए ताकत लगाए हुए हैं। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का घोष को आर्शीवाद प्राप्त है। 2016 के विधानसभा चुनाव में घोष पहली बार खड़गपुर सदर सीट से चुनाव लड़े और वयोवृद्ध कांग्रेस नेता ज्ञान सिंह सोहनपाल को हरा कर करिश्मा कर दिखाया। इस बार घोष संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन देखना है कि इस बार वे करिश्मा दोहरा पाते हैं या नहीं। वहीं झाड़ग्राम सीट से भी टीएमसी ने उमा सोरेन का टिकट काट कर बीर बाहा सोरेन को टिकट दिया है। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि सोरेन की उम्मीदवारी से आदिवासी संगठनों में रोष है। क्योंकि बीर बाहा आदिवासी आंदोलन के अगुवा रबिन टुडू की पत्नी हैं। इस सीट से भाजपा ने कुंवर हेम्ब्रम को उम्मीदवार बनाया है, जिनकी आदिवासियों में अच्छी पैठ है। पिछले पंचायत चुनाव में झाड़ग्राम में भाजपा ने अच्छा परिणाम हासिल कर राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी थी। देखना है कि इस बार भाजपा क्या अपनी सफलता को दोहरा पाती है या नहीं। क्षेत्र की दूसरी सीटों की बात करें तो घाटाल में फिल्म अभिनेता दीपक अधिकारी देव फिर टीएमसी के टिकट पर मैदान में हैं। उनके मुकाबले भाजपा ने पूर्व आइपीएस भारती घोष को उम्मीदवार बनाया है। घोष टीएमसी के लिए सिरदर्द साबित हो सकती है। क्योंकि कभी वे राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी रह चुकी हैं। माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान वे अपनी आक्रामकता का परिचय जरूर देंगी। पूर्व मेदिनीपुर जिले की तमलुक से शुभेंदु अधिकारी के भाई दिव्येंदु और कांथी से पिता शिशिर अधिकारी टीएमसी के टिकट पर फिर चुनाव मैदान में हैं। बांकुड़ा में वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी के मैदान में उतर जाने से टीएमसी का पलड़ा भारी हो गया है। पिछले चुनाव में इस सीट से अभिनेत्री मुनमुन सेन चुनाव लड़ी और जीती भी। लेकिन इस बार सेन को आसनसोल भेज दिया गया है। कुल मिला कर दक्षिण बंगाल का चुनावी परिदृश्य दिनोंदिन दिलचस्प होता जा रहा है।

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