कोलकाता। पश्चिम मेदिनीपुर के जमसोल जंगल में स्थानीय गांववालों ने जमकर शिकार का त्योहार मनाया। वन विभाग ने इन लोगों को तमाम तरीके से मनाने के लिए प्रयास भी किए लेकिन वे नहीं माने। शिकार में गांववालों ने कई जंगली सूअरों, ऊदबिलाव और खरगोशों की जान ले ली। बता दें कि हर साल यह त्योहार छह हफ्ते तक चलता है। इस साल यह त्योहार 5 मार्च से 14 अप्रैल तक चलेगा। गुरुवार को जब गांववाले लाइन बनाकर जंगल में आने लगे तो वन विभाग के अधिकारियों ने उन्हें रोका और उनसे अपील की कि शिकार पर बैन है और वे शिकार ना करें। इसके बावजूद गांववालों ने उनकी अपील नहीं सुनी और यह तर्क दिया कि शिकार का त्योहार उनकी सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। गांववाले जंगल के एंट्री पॉइंट तक जिन गाड़ियों से आए थे, वन विभाग ने उन्हें सीज कर लिया। बाद में वन विभाग ने उनकी गाड़ियां इस शर्त पर लौटा दीं कि वे भविष्य में जानवरों का शिकार नहीं करेंगे। इसके बावजूद कई गांववाले जंगल में गए और शाम को वे शिकार किए गए जानवरों का शव लेकर लौटते हुए देखे गए। इस बारे में पश्चिम मेदिनीपुर के डीएफओ रबींद्रनाथ साहा ने कहा, ‘इस बार पहले की तुलना में कम जानवर मारे गए हैं।’

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