कोलकाता। पीएम नरेंद्र मोदी और वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था की कोई जानकारी है। उक्त बात हम नहीं कह रहे हैं बरन यह दावा बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ही महानगर कोलकाता में किया है। जी हां,सुब्रमण्यम स्वामी अपनी टिप्‍पणियों को लेकर अक्‍सर सुखिर्यों में रहते हैं। एक बार फिर वह उक्त दावा कर चर्चा में हैं। उन्‍होंने दावा किया है कि ना तो पीएम नरेंद्र मोदी और ना ही वित्‍त मंत्री अरुण जेटली को अर्थव्यवस्था की कोई जानकारी है क्योंकि वे भारत को पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बताते हैं जबकि देश इस सूची में तीसरे नंबर पर है। महानगर कोलकाता में ‘एंगेजिंग पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ विषय पर लोगों को अपने संबोधन के दौरान स्‍वामी ने परोक्ष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री ऐसा क्यों कहते हैं। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) गणना की वैज्ञानिक रूप से स्वीकार्य प्रक्रियाओं के अनुसार, भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी करने वाले और वहां यह विषय पढ़ाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करते रहे हैं। स्वामी ने कहा कि विनिमय दरें बदलती रहती हैं और रुपये में गिरावट होने के कारण भारत इस तरह की गणना के आधार पर फिलहाल सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अर्थव्यवस्था के आकार की गणना का सही तरीका क्रय शक्ति क्षमता है और इसके आधार पर भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है।स्‍वामी ने कहा कि औपनिवेशिक बलों के आक्रमण से पहले तक भारत और चीन विश्व में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान के सबसे समृद्ध देश हुआ करते थे। पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 1950 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता से इनकार कर दिया था। नेहरू ने ‘सर्वोदय मूड’ में कहा था कि स्थायी सदस्यता चीन को दी जानी चाहिए।  सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हमारे प्रधानमंत्री यह क्यों कहते रहते हैं कि पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्हें अर्थशास्त्र की जानकारी नहीं है और वित्त मंत्री भी अर्थशास्त्र नहीं जानते। स्वामी ने कहा कि विनिमय दरों पर आधारित गणना के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है।उन्होंने कहा कि विनिमय दरें बदलती रहती हैं और रुपये में गिरावट होने के कारण, भारत इस तरह की गणना के आधार पर फिलहाल सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। स्वामी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के आकार की गणना का सही तरीका क्रय शक्ति क्षमता है और इसके आधार पर भारत फिलहाल तीसरे स्थान पर है। उन्होंने दावा किया कि अंग्रेजों के आक्रमण से पहले तक भारत और चीन विश्व में क्रमश: पहले और दूसरे स्थान के सबसे समृद्ध देश हुआ करते थे। स्वामी ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने 1950 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता से इन्कार कर दिया था।उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह (स्थायी सदस्यता) चीन को जानी चाहिए। भारत को आज भी उसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सुब्रमण्यम स्वामी ने हार्वर्ड से अर्थशास्त्र विषय में पीएचडी की है और इसी विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र पढ़ाते भी है। वह अक्सर वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करते रहे हैं।
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