चला चुनाव आयोग का डंडा

कोलकाता। निष्पक्ष चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की सख्ती का पता इसी से चलता है कि सीआईडी की एसपी (विशेष) भारती घोष को एक तरह से नजरबंद कर लिया गया है। केन्द्रीय चुनाव आयोग के निर्देश पर ही ऐसा कदम उठाया गया है। आयोग ने पं. बंगाल के राज्य सचिव बासुदेव बनर्जी को एक पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि भारती घोष को मतदान के कार्यो से दूर रखा जाये। सिर्फ दूर ही नहीं बल्कि यह तय किया जाये कि भारती घोष पांचवे चरण यानी आखिरी चरण के चुनाव से पहले और बाद में पूर्व मेदिनीपुर व कूचबिहार नहीं जा सके और नहीं मतदान को किसी भी तौर पर प्रभावित कर सकें। राज्य सचिन ने बताया कि मामले की जानकारी उन्होंने पुलिस महानिदेशक (अपराध) सुरजित कर पुरुकास्थ को दे दिया है।

गौरतलब है कि इससे पहले राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक जिलाधिकारी और चार पुलिस अधीक्षकों सहित 37 अधिकारियों को हटाने के दो दिन बाद चुनाव आयोग ने और एक आइपीएस अधिकारी भारती घोष को हटा दिया था।  विपक्षी दलों की शिकायतों के आधार पर ऐसा किया गया है।  माओवाद प्रभावित इलाके में विशेष पुलिस अधिकारी (ओएसडी) के तौर पर कार्यरत भारती घोष का तबादला सीआइडी में कर दिया गया है।  मुख्य सचिव बासुदेब बनर्जी ने बताया था कि  ‘हां, मुझे भारती घोष को हटाने के आदेश मिले हैं।  उन्हें हटाये जाने के साथ ही चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश में हटाये गये अधिकारियों की संख्या 38 हो गयी.’ बनर्जी ने कहा, एलडब्ल्यूएफ इलाके में ओएसडी के रूप में काम कर रहीं, पश्चिमी मिदनापुर की पूर्व पुलिस अधीक्षक घोष को पश्चिम बंगाल सीआइडी के तहत विशेष अधीक्षक का पद लेने को कहा गया है।

भारती घोष पर सत्ताधारी दल, तृणमूल कांग्रेस का साथ देने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों की ओर से चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज करायी गयी थी. भारती घोष पश्चिम मेदिनीपुर की पुलिस अध्यक्ष थीं तब भी उनपर विपक्षी दलों ने तृणमूल कांग्रेस का साथ देने का आरोप लगाया था।  सबंग के कॉलेज में छात्र की मौत के बाद तृणमूल छात्र नेताओं को छूट देने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों की ओर से कड़े तेवर अपनाये गये थे।  जिन्हें पहले हटाया गया है हुगली के जिलाधिकारी संजय बंसल, बर्दवान के पुलिस अधीक्षक कुणाल अग्रवाल, मालदा के एसपी प्रसून बनर्जी, नादिया के पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी और दक्षिण दिनाजपुर के पुलिस अधीक्षक अर्णब घोष सहित 37 अधिकारियों को चुनाव आयोग ने पहले हटा चुका है।

 

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •