एक एक सीट के दर्जनों दावेदार
‘एक अनार कई बीमार’ से हो सकता है नुकसान

कोलकाता। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा द्वारा बंगाल में पार्टी की उल्लेखनिय सफलता के लिये तमाम जहां जतन कर रही है। वहीं प्रदेश भाजपा में ही लोकसभा चुनाव के टीकटों को लेकर सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। टीकट को लेकर पार्टी में में ही दो अघोषित गुट बन गये है। ऐसे में अगर अनुशासन को सख्त नहीं किया गया तो भाजपा का बंगाल मिशन क्या होगा इसका अंदाजा पार्टी लगा सकती है। वैसे प्रदेश भाजपा इकाई लोकसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों की जीत का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण कर रही है। भाजपा का लक्ष्य बंगाल में लोकसभा की 42 सीटों में से 23 पर जीत दर्ज करना है। यह बात डंके की चोट पर कही जा रही है। यहां एक सीट के लिए, विशेष रूप से राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में 60-70 से अधिक उम्मीदवार हैं जिससे टिकट बांटने को ले कर पार्टी अंदरूनी कलह का सामना कर रही है। पार्टी के अंदर के कई गुट सीट पर दावें कर रहे हैं, जिससे पार्टी की राज्य इकाई अपने 23 सीटों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपने उम्मीदवारों की दमदारी का आकलन करने के लिए मजबूर हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य में 23 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘ यह अभूतपूर्व है कि हमें कुछ सीटों पर बड़ी संख्या में आवेदन मिल रहे हैं। 10 साल पहले हमें लोगों को हमारे टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए मनाने में मशक्कत करनी पड़ती थी।’ वही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमने उम्मीदवारों की जीत की संभावना का आकलन करने के लिए बाहरी और आंतरिक सर्वेक्षण शुरू किया है। सर्वेक्षण में सीट जीतने की उम्मीदवार की क्षमता और उसकी लोकप्रियता जैसे पहलुओं को शामिल किया जाएगा। आंतरिक सर्वेक्षण और बाहरी एजेंसियों के नतीजों के आधार पर, हम अपनी सूची तैयार करेंगे। ‘ आंतरिक असंतोष के बारे में पूछे जाने पर, विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और एक बार उम्मीदवारों के नाम की घोषणा होने के बाद प्रत्येक सदस्य चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा। बता दें, 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां केवल दो सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 34, कांग्रेस ने चार और माकपा ने दो सीटें अपने नाम की थी। वैसे राज्य भर में भाजपा के ऐसे कर्मी समर्थक हैं जो पार्टी के उनलोगों के सख्त खिलाफ है जो केवल पद पर बने हुए हैं और उन्हें ही बार बार उम्मीदवार बनाया जाता है।

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