कलम चलाने में नहीं कांपे हाथ
समाचार माध्यमों पर नहीं दिखी दकियानूसी सोच

जगदीश यादव
कोलकाता। पीओके के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई हमला पर पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश के तमाम मीडिया संस्थानों ने उक्त खबर को प्रमुखता से पेश किया है। इस देश की तरह भारत की कार्रवाई पर बांग्लादेशी मीडिया ने पत्रकारिता का मान रखा और कलम चलाने में हाथ नहीं कांपे। सच तो यह है कि समाचार माध्यमों पर दकियानूसी सोच नहीं दिखी। बांग्लादेश के एक समाचार बांग्लादेश प्रतिदिन ने लिखा है कि ‘भारत के 21 मिनट के अभियान से पाकिस्तान कांपा’। वहीं इस अखबार ने अभिनेता अक्षय कुमार के उक्त बायान को भी प्रमुखता से स्थान दिया कि ‘घर में घुसकर मारेगें’। जबकि प्रथम आलो ने भारत के हवाले से लिखा है कि ‘पाकिस्तान में विमान हमले में 300 आतंकी ढेर’। इस मीडिया के द्वारा सचिन तेन्दुलकर व भारत के फिल्म जगत के लोगों के बयानों को भी प्रमुखता दी है। जबकि युगान्तर ने लिखा है कि ‘पाक पर हमला से हिन्दु सेना संगठनों में उल्लास’। भोरेर बार्ता ने लिखा है कि ‘पाकिस्तान में भारतीय हमले में 200 से 300 की मौत’। बांग्लादेशेर खबर ने ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के आतंकी शिविरों में भारत की बमबारी’ इस शिर्षक द्वारा समाचार पेश किया है। यही नहीं इत्तेफाक ने भारत के दावा के आधार को खबर बनाते हुए लिखा है कि ‘पाकिस्तान पर हमले में 300 अलगाववादी मारे गए, भारत का दावा’। बांग्लादेश के दैनिक इन्कलाब ने ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय विमान ने की बमबारी’ के शिर्षक से खबर बनाया है। बांग्लादेश तामाम मीडिया ने भारतीय कार्रवाई को बिना किसी का पक्ष लेते हुए खबरों को परोसने का बेहतर कार्य किया है जो कि पत्रकारिता जैसे पेशे के लिये पहली शर्त होती है। यहां कि तामाम मीडिया ने प्रमुखता से इस बात की सूचना अपने पाठकों के पेश किया है कि किस तरह से पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनकी कमर तोड़ दी है। पीओके के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना ने हवाई हमला किया और उसके सारे कैम्पों को तबाह कर दिया. सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर पेश कि गई कि वायुसेना की इस बड़ी कार्रवाई में करीब 300 आतंकवादी मारे गए हैं और इसमें जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर का बहनोई यूसुफ अज़हर भी मारा गया है जो यह कैंप चला रहा था। भारतीय वायुसेना को इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने में 12 मिराज फाइटर जेट का सहारा लेना पड़. इतना ही नहीं, करीब 1000 किलो बम भी बरसाए गए। यहां की मीडिया संस्थानों ने यह भी याद दिलाया कि 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •