अज्ञात लोगों ने की जिन्दा जलाने की कोशिश
बच्ची के स्वास्थ्य होने के लिये उपसना स्थनों में प्रार्थना

रौनक कुमार
पश्चिम मेदिनीपुर/कोलकाता। कभी कभी इंसानों की क्रूरता सारी हदों को इस कदर पार कर देती है कि मानवता भी जार जार रोने लगती है। जी हां, एक नवजात बच्ची को जिन्दा जलाने का मामला सामने आया है लेकिन नवजात आग में जलने के बाद भी फिलहाल जिन्दा है और लोग इस बच्ची के जल्द ही किलकारी भरने के लिये ईश्वर से प्रार्थना कर रहें है। पुलिस व स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना आज खड़गपुर लोकल थाना अंतर्गत कलाईकुंडा अंचल के गुंडिया गांव में प्रकाश में आई। जहां किन्हीं अज्ञात इंसान के वेश में हैवान लोगों ने नवजात शिशु कन्या के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। आज सुबह सड़क के किनारे कूड़े-कचरे के बीच अधजली हालत में पड़ी उक्त शिशु कन्या बरामद की गई। यही नहीं उसके मुंह पर टेप चिपका था, ताकि वह चिल्ला न सके। आशंकाजनक हालत में नवजात को खड़गपुर राजकीय अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत बेहद नाजुक बतायी गई। सूत्रों के अनुसार गुरुवार सुबह कलाईकुंडा अंचल के गुंडिया गांव के लोगों ने एक नवजात बच्ची को सड़क किनारे कूड़े-कचरे के बीच अधजली अवस्था में देखा तो सकते में आ गए। उस विभत्स मंजर को देख लोगों का दिल बैठ गया। गंभीर अवस्था में पड़ी नवजात और आसपास बिखरे अवशेष को देख लोगों ने अनुमान लगाया कि जन्म के बाद ही उसे मारने के लिए मुंह पर टेप चिपकाकर उसके डायपर में आग लगा दी गई, जिससे वह चिल्ला न सके। जलने से उसके दोनों पैर बुरी तरह से झूलस गए थे, शरीर के अन्य अंग भी जल गए। लोगों ने अनुमान है कि संभवत: बुधवार मध्य रात्रि को उसे मरा समझकर हैवान उसे गुंडिया गांव में सड़क किनारे छोड़कर चले गए। सुबह स्थानीय लोगों से सूचना मिलने पर पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई और वहां का दृश्य देखकर हतप्रभ रह गई। अत्यधिक झुलसी हालत में बच्ची को खड़गपुर राजकीय अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खड़गपुर के एसडीपीओ राहुल दे ने कहा कि मामले की पूरी गंभीरता से पड़ताल की जा रही है। जल्द ही मामले की तह तक पहुंच जाने की उम्मीद है। खड़गपुर राजकीय अनुमंडल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. कृष्णेंदु मुखर्जी ने कहा कि बच्ची दो-तीन पहले ही जन्मी है। उसकी हालत बेहद नाजुक है। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं। बहरहाल खबर के लिखे जाने तक उक्त नवजात के माता पिता का परिचय नहीं मिल सका था। लोग उपसना घरों में नवजात के जल्द ही स्वास्थ्य होने के लिये उपासना कर रहें थे ।

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