मुजफ्फरनगर। कहते है कि कानून के हाथ लम्बे होते है। एक बार यह फिर साबित हुआ है। मुजफ्फरनगर के कवाल गांव में सचिन व गौरव हत्याकांड में अदालत ने सभी सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कवाल कांड में फैसले को देखते हुए कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए गए थे। 27 अगस्त 2013 को जानसठ कोतवाली क्षेत्र के कवाल गांव में मलिकपुरा गांव के गौरव और उसके ममेरे भाई सचिन की नृशंस हत्या कर दी गई थी। इससे पहले छेड़छाड़ को लेकर कवाल के शाहनवाज की हत्या की गई थी। सचिन व गौरव के हत्यारों को को पकड़ने के लिए महापंचायत का आयोजन किया गया था। महापंचायत से लौट रहे लोगों पर दूसरे समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया। इसके जवाब में मुजफ्फरनगर समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में लगभग 65 लोग मारे गए थे। सचिन और गौरव की हत्या में परिजनों ने मृतक समेत छह लोगों को नामजद किया था। दो अन्य नाम एसआईटी की जांच में शामिल किए गए थे। अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश सप्तम हिंमाशु भटनागर ने पांच साल तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद सात आरोपियों को दोषी करार दिया था और आठ फरवरी को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। शुक्रवार को कवाल कांड पर फैसले को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि खचाखच भरी अदालत में एडीजे 7 ने मुल्जिम मुजस्सिम, मुजम्मिल, फुरकान, जहांगीर, नदीम, अफजाल और इकबाल को उम्रकैद की सजा सुनाई और दो-दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माने की धनराशि में से अस्सी प्रतिशत पीड़ित परिवारों को दी जाएगी।

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