निगम ने दिया ब्रेडो के नमूनों के जांच का निर्देश

कोलकाता

लोगों के नाश्ते का अभिन्न अंग बन चुके ब्रेड अब लोगों के लिये चिंता का कारण भी बन चुका है। कारण बिते दिनों मीडिया में आये खबरों में ब्रेड में पाये जाने वाले हानिकारक तत्वों के बारे में बताया गया था।  इसमें पाए गए हानिकारक रसायनों के बारे में जानने के बाद अब कोलकाता नगर निगम ने भी पूरे सीएसई की जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि देश की ब्रेड निर्माता कंपनियां आटे के प्रसंस्करण के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं। पोटेशियम ब्रोमेट को 2बी श्रेणी के कैंसर पैदा करने वाले रसायन के तौर पर जाना जाता है। शायद यही कारण है कि ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और श्रीलंका सहित कई देशों में यह बैन है। शहर में ब्रेड के नमूने एकत्र करने और उनकी जांच करने का आदेश दिया है।

पिछले  दिनों सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉरमेंट द्वारा जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया था कि अधिकांश ब्रेड, बन, पाव, पिज़्ज़ा बेस तथा अन्य बेकरी उत्पादों में खतरनाक रसायन पाए गए हैं। मेयर-इन-काउंसिल-मेंबर (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने बताया कि उन्होंने अपने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर पूरे शहर के विभिन्न इलाकों से ब्रेड के नमूने लेने के लिए कहा है। यह नमूने किड स्ट्रीट में स्थित केंद्र सरकार प्रयोगशाला और बारासात में स्थित एक अन्य प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जाएंगे”।

सीएसई की रिपोर्ट के आने के बाद ही भारतीय खाद्य एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कहा था कि वैज्ञानिकों की एक समिति की सिफारिश के बाद वह भी पोटेशियम ब्रोमेट को मंजूरी वाले एडीटिव की सूची से बाहर करने पर विचार कर रहे थे। एफएसएसएआई ने यह भी कहा कि पोटेशियम आयोडेट के उपयोग पर भी रोक लगाने से पहले वह इसके विरुद्ध प्रमाणों की जांच कर रहे हैं।

सीएसई की जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि देश की ब्रेड निर्माता कंपनियां आटे के प्रसंस्करण के लिए पोटेशियम ब्रोमेट और पोटेशियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं। पोटेशियम ब्रोमेट को 2बी श्रेणी के कैंसर पैदा करने वाले रसायन के तौर पर जाना जाता है। ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और श्रीलंका सहित कई देशों में यह बैन है। बहरहाल देखना है कि ब्रेड का हाल भी क्या मैगी के जैसा होगा?

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