कोलकाता। बुढ़़ापा तजुर्बे की किमत चुकाने के बाद आता है और बचपन की सुगंध की किमत नहीं लगाई जा सकती है। दोनों ही वर्ग उपरवाले द्वारा दुनिया को दी गई अमूल्य उपहार है। उक्त बात आज मटियाबुर्ज -गार्डेनरीच में वार्ड 134 के पार्षद शम्स इक़बाल अनिल ने कही। युवा पार्षद इस दिन वयो वृद्धों व विद्यार्थियों के साथ एक सामुहिक मेल मिलाप कार्यक्रम में बोल रहें थे।शम्स इक़बाल अनिल ने बताया कि जब वह पार्षद बने थे तो विधवा पेंशनर्स की संख्या नगण्य थी। लेकिन आज इनकी संख्या 400 के करीब पहुंच चुकी है।उन्होंने वार्ड 134 के सभी बुजुर्गों का अभिनंदन करते हुए उनसे मुलाकात की और उन्हें उपहार प्रदान किया। साथ ही पार्षद ने 1100 विद्यार्थियों को पाठ्य सामग्री प्रदान कर उनलोगों से बातचीत की और उनकी परेशानियों के बारे में जाना । पार्षद ने कहा कि वह उक्त वर्ग के लोगों के लिये हर सम्भावित मदद व कार्य की कोशिश कर रहे है और करेगें।

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