राज्यपाल व शिक्षामंत्री को भेजा पत्र

संतोष कुमार
कोलकाता। भारतीय संविधान की मर्यादा की रक्षा हेतु सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल, कॉलेज आदि शिक्षा प्रतिष्ठानों में सरस्वती पूजा व नबी दिवस सहित सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठानों पर प्रतिबंध लगाए जाए। इस मांग को लेकर भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति ( साइंस एंड रेशनालिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया) की ओर से राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को पत्र लिखा गया है।  युक्तीवादी समिति के पुरुलिया जिला सचिव मधुसूदन महत ने राज्यपाल और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा। अपील पत्र में समिति ने कहा है कि हमारे संविधान के मुताबिक भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। इस वजह से सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी स्कूल, कॉलेज समेत सभी शिक्षा प्रतिष्ठानों मेंर सरस्वती पूजा व नवी दिवस जैसे धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन असंवैधानिक है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल में मध्य शिक्षा पर्षद या उच्च शिक्षा संसद की निर्देशिका में भी स्कूलों में जिन आयोजनों का जिक्र  किया गया है, उसमें सरस्वती पूजा व नवी दिवस के आयोजन का उल्लेख  नहीं है। इसलिए युक्तिवादी समिति की तरफ से राज्यपाल से अपील की गयी है कि कृपा कर सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षा प्रतिष्ठानों में सरस्वती पूजा, नवी दिवस सहित सभी तरह के धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन नहीं करने का निर्देश देकर देश के संविधान की मर्याया की रक्षा करें। साथ ही संविधान के मौलिक अधिकार ( धारा 51-ए ) के तहत वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा की दिशा मिले।    युक्तिवादी समिति के पुरुलिया जिला का सचिव मधुसूदन महतो ने कहा कि वर्ष 2001 में हमने जिले के दो स्कूल प्रबंधनों से संविधान की मर्यादा कायम रखने के लिए ऐसा आवेदन किया था। उस आवेदन पर एक प्राइमरी स्कूल ने सरस्वती पूजा का आयोजन बंद कर दिया था। ज्ञात हो कि युक्तिवादी समिति  की ओर से ऐसा आवेदन साल 2001, 2016, 2017 व 2018 में किया गया था।  युक्तिवादी समिति के अध्यक्ष प्रबीर घोष ने कहा कि देश के संविधान के तहत सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त किसी भी स्कूल, कॉलेज या शिक्षा प्रतिष्ठान में भी कोई भी धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन नहीं किया जा सकता है। ऐसे स्कूलों में सरस्वती पूजा, नवी दिवस का आयोजन भी नहीं किया जा सकता है। इसीलिए संविधान की मर्याया का सम्मान करने के लिए युक्तिवादी समिति की ओर से यह अपील की गयी है। उन्हेंने दावा किया कि हमारी अपील पर कोलकाता के कई स्कूलों में सरस्वती पूजा का आयोजन बंद कर दिया गया है।
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