बचाव कार्य कर रहें कई दमकल कर्मी अस्वस्थ्य

19 इंजनों ने 12 घंटे बाद आग पर पाया काबू

दमकल मंत्री ने दिया हादसे के जांच का निर्देश 

कोलकाता।  महानगर स्थित गरियाहाट मोड़ पर स्थित ट्रेडर्स एसोसिएशन की बिल्डिंग में लगी आग खबर के लिखे जाने तक आज भीषण हो गई थी। दक्षिण कोलकाता में रविवार तड़के पांच मंजिला इमारत में आग लगने से करोड़ो रुपये मूल्य का सामान जल गया और आसपास की कई दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गरियाहाट ‘ट्रेडर्स एसेम्बली’ इमारत में लगी आग की सूचना देर रात करीब एक बजे मिली। उसपर काबू पाने के लिए दमकल की करीब 19 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। इस अगलगी की घटना पर नियत्रंण पाने के लिये दमकल कर्मी देर रात से ही लगातार को शिश में लगे हुए थें। इस आग ने एक बार फिर बागड़ी मार्केट की आग की याद दिला दी है। साफ कहे तो आग बुझने के बजाय बढ़ती जा रही थी। दमकल के अनुसार इमारत के जिस हिस्से में आग लगी है जहां घुसना दमकल कर्मियों के लिए संभव नहीं हो पा रहा इसीलिए गैस कटर की मदद से इमारत का कांच काटकर दमकल कर्मी घुसने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी भी सफलता नहीं मिली है। दावा किया गया है कि आग की वजह से इमारत के विभिन्न हिस्सों में मौजूद कांच फटने लगे हैं। सुरक्षात्मक लिहाज से दमकल कर्मी घटनास्थल से दूर हट रहे हैं। बाद में जब कांच का फटना बंद हो जा रहा है तब आकर आग बुझा रहे हैं रात 12:30 बजे के करीब आग लगी थी और लगभग 12 घंटे से अधिक का समय बीतने के बाद इस आग पर काबू नहीं पाया गया। बता दे कि  शनिवार रात 12:30 बजे के करीब महानगर कोलकाता के गरियाहाट मोड़ पर स्थित ट्रेडर्स असेंबली की बहुमंजिली वाणिज्यिक इमारत में भयावह आग लग गई। इसकी विध्वंसक क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रात 12:30 बजे लगी आग को सुबह 9:00 बजे तक भी पूरी तरह से काबू नहीं किया जा सका था। दमकल विभाग की 18 गाड़ियों ने सारी रात मशक्कत की है। बताया गया है कि आग में जल कर करोड़ों रुपये का माल खाक हो गया है। हालांकि अग्निशमन विभाग का कहना है कि आग को अब काबू कर लिया गया है। सिर्फ कूलिंग का काम चल रहा है। घटनास्थल पर राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बसु, दमकल विभाग के डीजी जगमोहन भी मौजूद थें। । उन्होंने बताया कि इलाके में बड़ी संख्या में बिजली और केबल के तारों के साथ-साथ बड़े-बड़े होर्डिंग और फ्लेक्स की वजह से आग को बुझाने में दमकल कर्मियों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा है। प्राथमिक तौर पर अंदाजा लगाया जा रहा है कि संभवतः निचले तल पर स्थित कपड़े की दुकान में ही आग की शुरुआत हुई थी। इस बारे में अग्निशमन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संभवतः कपड़े दुकान में शार्ट सर्किट के बाद आग लगी थी। कपड़े की मौजूदगी की वजह से आग तेजी से फैली और देखते ही देखते पूरी इमारत को अपनी चपेट में ले लिया है। एक के बाद एक 19 दमकल की गाड़ियों को मौके पर पहुंचाया गया जिसने आग पर काबू पाने की मशक्कत की है। घटना में किसी के फंसे होने अथवा घायल होने की सूचना नहीं है। आग की वजह से पूरे क्षेत्र में बड़ी मात्रा में धुएं का गुबार फैल गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि आसपास के एक से डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र से भी आग की लपटे देखी जा सकती थीं। इसके अलावा करीब डेढ़ किलोमीटर के इलाके में धुएं का गुबार फैला हुआ था। मौके पर पहुंची कोलकाता पुलिस की आपदा प्रबंधन टीम ने इस क्षेत्र में रहने वाले बच्चे, बुजुर्गों, महिलाओं और अन्य लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाने की व्यवस्था की थी। राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बसु ने कहा है कि इलाके में मौजूद केबल के तारों और बड़े-बड़े फ्लेक्स और होर्डिंग की वजह से आग बुझाने में काफी मुश्किल हुई है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही वह विभाग और नगर निगम के बीच जरूरी बैठक आयोजित करेंगे जिसमें केबल तारों और फ्लेक्स को हटाने को लेकर अहम चर्चा की जाएगी।उल्लेखनीय है कि कोलकाता में पिछले कई महीनों से रोज ही कहीं ना कहीं आग लगने की घटनाएं घटती रही हैं। पिछले साल सितंबर महीने में 16 तारीख को इसी तरह से एशिया के सबसे बड़े बाजारों में शुमार बड़ाबाजार की 71 नंबर कैनिंग स्ट्रीट में स्थित बागड़ी मार्केट की 6 मंजिली इमारत में भयावह आग लग गई थी जिसे काबू करने में दमकल विभाग की 37 गाड़ियों को 84 घंटे से अधिक का समय लगा था। 250 से अधिक दमकल कर्मियों ने लगातार काम किया था। हालांकि फिर भी इमारत में मौजूद 1000 से अधिक दुकानें और गोदाम जलकर खाक हो गए थे जिसमें सैकड़ों करोड़ का माल क्षतिग्रस्त हुआ था।अब गरियाहाट मोड़ पर स्थित बहुमंजिला इमारत में लगी आग भी उसी तरह की घटना की पुनरावृत्ति है। दमकल मंत्री ने कहा है कि आग किस वजह से लगी इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी जिसमें अग्निशमन और पुलिस की टीमें शामिल होंगी। प्राथमिक तौर पर यह भी दावा किया जा रहा है कि जिस इमारत में आग लगी थी उसमें अग्नि निरोधी व्यवस्था भी पुख्ता नहीं थी।
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