कहा, कांग्रेस की तरह भाजपा भी राम के नाम पर जुआ खेल रही है
पीएम व सीएम अपनी गरिमा में रहें

फिरोज आलम/रमेश राय/जाकिर अली।
सागरद्वीप। जहांतक राम मंदिर बात है तो राम लला का महत्व तथ्य संगत है। पूरे प्रकरण पर बाबर जैसों का नाम ही नही आना चाहिए। किसी हमलावर के नाम को आधार बनाना ही गलत है। किसी भी कार्य के लिये नियत का साफ होना जरुरी है तभी लक्ष्य मिलता है। राम मंदिर की चर्चा करने वालों ने सपने में भी मुझसे इस मुद्दे पर सलाह नहीं ली। उक्त बात आज गंगा सागर में पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही। उन्होंने  कहा कि राजनीतिक दल अपनी मजबूरी व दोहरेपन के चलते कई बार देश हीत की अनदेखी कर जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश का हर राजनीतिक दल सत्ता लोलुपता और स्वार्थ से प्रभावित है। देश का उपयोग नेतागण अपने स्वार्थ के लिये कर रहें हैं। एक सवाल के जवाब में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि साढ़े चार साल बित गये लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रामलला के दर्शन को नही गये लेकिन वह नेपाल में पशुपति नाथ के दर्शन कर आये। क्या रामलला के दर्शन नही करने के मामले पर वह कांग्रेस ने उन्हें प्रतिबंधित किया है। शंकराचार्य कहा कि कांग्रेस की तरह भाजपा भी जुआ खेल रही है। राम मंदिरर के नाम पर भाजपा कई चुनाव जीती है। शंकराचार्य ने गंगासागर के मामले पर कहा कि तीर्थस्थलों को विकास के नाम पर दिशाहीन नहीं किया जाये। यहां पर्यटन को थोपकर तीर्थ के मूल स्वारुप को नष्ट नहीं करें। उन्होंने गंगासागर तीर्थ स्थल के मामले पर उनसे बात करना चाहिए कारण बंगाल क्षेत्र भी पुरी पीठ क्षेत्र के दायरे में आता है। जगदगुरु ने कहा कि लोकसभा का चुनाव पानीपत की लड़ाई से कम नही होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के महंत ज्ञानदास द्वारा भविष्यवाणी के मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में शंकाराचार्य ने कहा कि हो सकता है कि ममता बनर्जी को स्वप्न आया हो और यह बात उन्होंने किन्ही महंत के कानों में कहा होगी और उन्होंने उक्त बात को कहा हो। शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यह पता होना चाहिए की देश के पीएम के प्रति शालीन रहें और देश के पीएम को पता होगा कि वह देश के पीएम हैं और बंगल इसी देश में है। शंकराचार्य ने एक प्रश्न के उत्तर में में कहा कि जहां तक बात हिन्दुओं की है तो उनकी उदारता को कमजोरी नहीं समझा जाये।

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