जगदीश यादव
सागरद्वीप। मोक्षनगरी के तौर पर दुनिया भर के हिंदुओं में प्रसिद्ध गंगासागर यहां आने वाले पुण्यार्थियों के लिये लगभग तैयार है। यह अलग बात है कि मेला अधिकारिक तौर पर 12 जनवरी से शुरु होगा लेकिन एक सप्ताह पहले से ही यहां आस्था सिर चढ़कर बोल रही है। हर रोज यहां हजारों की संख्या में पुण्यार्थी गंगा व सागर के संगम में मोक्ष की कामना के लिये हर-हर गंगे व जय कपिल मुनि के कतार व भक्ति-भावना के समिश्रित उद्घोष के साथ पुण्य स्नान कर रहें हैं। यह लोग देश के विभिन्न सुदूर भागों से आये ऐसे तीर्थयात्री हैं जो मकर संक्रांति के रेलमपेल भीड़ से बचने के लिये गंगासागरकी तीर्थयात्रा पर आये थें। जम्मू-कश्मीर के कठुआ के नगरी ग्राम से 55 लोगों के जत्थे के साथ आई नीलम देवी व पूर्व इंस्पेक्टर करनैल सिंह ने बताया कि वैसे गंगा जहां से होकर गुजरती है वह क्षेत्र पवित्र हो जाता है लेकिन यहां तो गंगा और सागर का संगम स्थल है इस पवित्र भूमि की बात ही कुछ अलग है। उक्त तीर्थयात्रियों का मानना है कि यहां के कण-कण पवित्र है। यह ऐसा क्षेत्र है जहां किसी तीथि व खास समय के लिये मोहताज नहीं है। कभी भी यहां मोक्ष की कामना से पुण्य स्नान किया जा सकता है। यहां बस एक डुबकी में मोक्ष सम्भव है। करनैल सिंह ने कहा कि यहां की व्यवस्था उन्नत है। उन्होंने कहा यहां की व्यवस्था बहुत सुंदर हैं और एक दिन ममता दीदी देश की कामान सम्भालेगीं। उन्होंने बात करने पर कहा कि यह बंगाल है और दीदी का करिश्मा का कोई जवाब नहीं है।
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